
लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद से ही कांग्रेस में लगातार बदलाव का दौर जारी है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाल रहीं सोनिया गांधी भी अपनी टीम में बदलाव करेंगी। राष्ट्रीय कमेटी के साथ-साथ कई प्रदेशों में भी बदलाव होना बाकी है। बिहार , मध्यप्रदेश , राजस्थान जैसे कई प्रमुख राज्यो में बदलाव को लेकर बात हो चुकी है।
सोनिया गांधी अपनी नई टीम में नए लोगों को मौका दे सकती है। अंतरिम अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने के बाद राष्ट्रीय कमेटी में यह पहला बदलाव होगा। इस बदलाव में पार्टी के कई पदाधिकारियों की छुट्टी हो सकती है।
कई पदाधिकारी खुद भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से संगठन की जिम्मेदारी से मुक्त करने का आग्रह कर चुके हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक संगठन में बदलाव का खाका तैयार है।
सोनिया गांधी जल्द बदलाव कर सकती हैं। इस बदलाव में कई वरिष्ठ नेताओ को जिम्मेदारियों से मुक्त किया जा सकता है। इसके साथ मीडिया टीम में भी बदलाव हो सकता है।
सूत्रों का कहना है कि रणदीप सुरजेवाला को किसी राज्य की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
अंतरिम कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर सोनिया गांधी ने 10 अगस्त को दोबारा जिम्मेदारी संभाली थी। इसके बाद से वह पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की टीम के साथ काम कर रही थीं। हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और विधायक दल के नेता का बदलाव किया था। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में भी नया प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेताओ के अनुसार कई प्रदेश प्रभारियों की जिम्मेदारियों में भी बदलाव किया जा सकता है। इसके साथ पार्टी अध्यक्ष कई प्रदेश अध्यक्षों में भी बदलाव कर सकती हैं। मध्य प्रदेश और राजस्थान में प्रदेश अध्यक्ष में बदलाव की मांग उठ रही है। मध्य प्रदेश में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी अभी मुख्यमंत्री कमलनाथ और राजस्थान कांग्रेस की जिम्मेदारी सचिन पायलट संभाल रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दो नवंबर को पार्टी महासचिव, प्रदेश प्रभारियों और विभिन्न विभागों के अध्यक्षों की बैठक बुलाई है। पार्टी के एक नेता ने कहा कि इस बैठक में सरकार की आर्थिक नीतियों के खिलाफ देश भर में आंदोलन की तैयारियों का जायजा लेंगी। इसके साथ कई प्रदेशों में संगठन की स्थिति में भी चर्चा की जाएगी। इसके बाद पार्टी अध्यक्ष झारखंड के नेताओं के साथ भी चर्चा करेंगी क्योंकि झारखंड में भी विधानसभा चुनाव करीब है।
सोनिया गांधी के टीम के इस बदलाव में देखना दिलचस्प होगा कि किन नेताओं को जिम्मेदारी मिलती है और क्या युवाओं का जो लगातार पार्टी में मौका मिल रहा है क्या इस बदलाव में भी युवाओं को जिम्मेदारी मिलती है।