कर्नाटक में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है यह साफ होते जा रहा है कि भाजपा इस चुनाव में काफी पिछड़ चुकी है।
सिद्धरमैया के 5 सालों के कामकाज का लेखा जोखा देखा जाए और उसके बाद जिस तरह से सिद्धरमैया आक्रमक प्रचार कर रहे हैं और उन्हें निरंतर राहुल गांधी और अन्य नेताओं का साथ मिल रहा है इससे कांग्रेस की स्थिति मजबूत होते जा रही है चाहे भाजपा कितना भी झूठा आरोप लगा ले मगर सिद्धरमैया ने अपने 5 साल के कार्यकाल में रोजगार और किसानों पर जिस तरह से ध्यान दिया वह उनको इस चुनाव में काफी फायदा पहुंचा रहा है सिद्धारमैया ने इन 5 सालों में कानून व्यवस्था को भी काफी सुधारा है। अब भी कानून व्यवस्था में सुधार की जरूरत है क्योंकि 5 साल पहले भाजपा सरकार में कानून व्यवस्था काफी लाचार थी। जिसे कई हद तक कांग्रेस सरकार ने सुधार लिया है।
अब अगर भाजपा की बात करें तो भाजपा में पहले गुटबाजी और येदुरप्पा जैसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री का चेहरा के साथ साथ रेड्डी ब्रदर्स को टिकट देना पोर्न वीडियो देखने वालों को टिकट देना और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी के अनर्गल बयानबाजी भी कर्नाटका में भाजपा के लिए मुश्किल खड़ा कर रही है। कर्नाटक के लोग काफी पढ़े लिखे और समझदार माने जाते हैं उनका राजनीतिक सोच देश से हमेशा अलग होती है क्योंकि जब 2013-14 में पूरा देश मोदी लहर में हुआ था तब भी कर्नाटक ने कांग्रेस का साथ दिया था और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी इसलिए यह नहीं कहा जा सकता है कि कर्नाटक देश की परिस्थितियों को देखकर सरकार में बदलाव करता है वह हमेशा अपने राज्य को और राज्य की स्थिति को देखता है इसलिए भाजपा नेता चाहे देश की अलग-अलग कोनों की स्थिति बता कर कांग्रेस को घेरने की और अपने आप को महान बनाने की कोशिश करते रहे मगर कर्नाटक की जनता उसी चीज को तवज्जो अधिक देती है जिससे कर्नाटक की जनता को अपना फायदा होता है ऐसे में अगर हम कहें कि कांग्रेस ने लिंगायत और कावेरी नदी जैसे मुद्दों को सुलझाने का जो प्रयास किया है उससे कहीं ना कहीं कांग्रेस को एक बड़ा फायदा मिलेगा वहीं कांग्रेस के सारे नेताओं का गुटबाजी छोड़ राहुल के नेतृत्व में सिद्धरमैया को समर्थन देना भी कांग्रेस के लिए एक बड़ा फायदा साबित होगा ऐसे में हम कह सकते हैं कि कांग्रेस कर्नाटका में काफी अच्छी स्थिति में है जो भाजपा के लिए चिंता का विषय अब तक बना हुआ है।