
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कर्नाटक चुनाव के बाद पहली बार मीडिया से बात करते हुए कहा कि कर्नाटक में अगर विधायक बंधक नहीं होते तो वहां हमारी सरकार होती। प्रेस कॉन्फ्रेंस के शुरु होने से पहले ही अमित शाह और उनके साथियों ने यह साफ कर दिया था कि वह कर्नाटक चुनाव के अलावा किसी मुद्दे पर बात नहीं करेंगे। वह कॉफ्रेंस के दौरान लगातार यही कहते रहे कि अगर बहुमत परीक्षण से पहले कांग्रेस अपने विधायकों को होटल और स्वीमिंग पूल से बाहर छोड़ देती तो जनता ही उन्हें बता देती कि कहां वोट करना है। कर्नाटक चुनाव में बहुमत हासिल करने को विफल हुई बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह ने आज प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। इस बात का जवाब देते हुए कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा ने जवाबी प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए जवाब दिया की अमित शाह जी ने प्रेस कांफ्रेंस की और ये सही बात है कि उनको थोड़ी भी लज्जा नहीं है। यदि थोड़ी भी शर्म होती तो वो कर्नाटक और पूरे देश की जनता से माफी मांगते कर्नाटक के प्रकरण ने पूरे देश और पूरी दुनिया के सामने भारतीय जनता पार्टी के दोहरे मापदंड, सत्ता की भूख को दिखा दिया। कर्नाटका चुनाव के दौरान पूर्ण रूप से सरकारी तंत्र का दुरुपयोग हुआ, इनकम टैक्स की रेड करायी गयी, केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल हुआ श्री नरेन्द्र मोदी और श्री अमित शाह जी ये बात याद रखें कि उनके दोहरे मापदंड, जबान, मूल्य और मान्यताएं देश के लोग स्वीकार नहीं करेंगे। बता दें कि बीजेपी को कर्नाटक चुनाव में सरकार बनाने के लिए बहुमत नहीं मिला था। बीजेपी के पास 104 विधायक थे और सरकार बनाने के लिए 112 विधायकों की ज़रूरत थी। ऐसे में बीजेपी कांग्रेस-जेडीएस के विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रही थी। जिसके मद्देनज़र कांग्रेस-जेडीएस ने अपने विधायकों को रिज़ॉर्ट भेज दिया था। हालांकि, जब अमित शाह से यह सवाल पूछा गया कि क्यों उनकी सरकार ने कर्नाटक चुनाव के फ़ौरन बाद पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में इज़ाफा करने का फैसला किया, इसपर शाह सवाल पूछने वाले एनडीटीवी के पत्रकार पर भड़क गए और पत्रकार पर एजेंडा चलाने का आरोप लगाया। शाह ने कहा, “मैं केवल कर्नाटक के बारे में बात करूंगा हालांकि मैं आपका एजेंडा समझता हूं। हम इस सवाल का जवाब भी देंगे लेकिन आज नहीं”।
कांग्रेस ने अमित शाह के इसी रवैये को खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे की संज्ञा दी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा कि बीजेपी की हालत खंभा नोंचने वाली खिसियानी बिल्ली जैसी हो गई है। शर्मा ने कहा है कि बीजेपी को दूसरी पार्टियों के विधायक चुराने में महारत हासिल है। बीजेपी ने अपनी कर्मों के कारण इस चुनाव में अपने चेहरे पर कालिख पोती है। कर्नाटक में कांग्रेस द्वारा बीजेपी को दी गई करारी शिकस्त के चलते बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह तिलमिला गए हैं। क्यूंकि कांग्रेस-जेडीएस की एकजुटता के आगे उनकी सभी रणनीतियां फेल हो गई, जो इससे पहले कभी नहीं हो पाया था। पेट्रोल की कीमतों पर अमित शाह का अजीबोगरीब बयान
कर्नाटक के घटनाक्रम को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार (21 मई) को दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कांग्रेस सहित विपक्ष की एकजुटता की पहल को खास तवज्जो नहीं देते हुए अमित शाह ने कहा कि उनकी पार्टी 2019 के लोकसभा चुनाव में बड़े बहुमत से जीतेगी। उन्होंने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में भी विपक्षी दल अलग अलग राज्यों में बीजेपी के खिलाफ लड़े थे और उनकी पार्टी तब भी जीती थी और यही बात 2019 में होगी जब वह उससे भी बड़े बहुमत से जीतेगी। हालांकि इस दौरान जब पत्रकारों ने अमित शाह से जब पेट्रोल-डीजल की आसमान छूती कीमतों पर सवाल किए तो उन्होंने अजीबोगरीब जवाब दिए।एनडीटीवी के संवाददाता अखिलेश शर्मा ने जब बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से पूछा कि कर्नाटक चुनाव के समय पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर थे लेकिन अब उसमें तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है, इस पर अमित शाह ने कहा, ”मैं आपका (मीडिया) एजेंडा जानता हूं। मैं इस पर भी जवाब दूंगा। लेकिन आज मैं केवल कर्नाटक के विषय में बात कर रहा हूं।” बता दें कि कर्नाटक में चुनाव के बाद से इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम ने पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ानी शुरू कर दी हैं। इससे पहले 19 दिनों तक कीमतों को स्थिर रखा गया था। सार्वजनिक तेल कंपनियों ने कर्नाटक में चुनावी प्रक्रिया के दौरान 19 दिन के विराम के बाद 14 मई को कीमतों में दैनिक संशोधन को बहाल किया। इसके बाद से इनकी कीमत में लगातार बढ़ोतरी जारी है।
आप का आरर्टिकल पढ़ा एकदम सही है।हमने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस देखी थी।अमित शाह को बोलते हुए एकदम र्शम नहीं आ रही थी कि हम डैकेती डाल रहे थे विधायको की कांग्रेस जेडीएस ने नहीं डालने दी।राजनीति का स्तर बीजेपी वालों ने इतना नीचे कर दिया है कि इन्हें गद्दी के अलावा कुछ नहीं दिखता चाहे जनता जाये भाड़ में।