
नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री हैं उनके मुंह से निकला झूठ देश की छवि को धूमिल करता है। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री पद की गरिमा को भी तार-तार कर देता है।
कर्नाटक चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी के झूठ बोलने पर सियासी घमासान मचा हुआ है। राजनीति में जनता को गुमराह करने का खेल लोगों के समझ में नहीं आ रहा है। ऐसा कई बार हुआ है जब प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पद का ख्याल नहीं रखा है। वह चुनाव जीतने के लिए प्रधानमंत्री पद की गरिमा को नजरअंदाज कर देते हैं। ऐसा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी कह चुके हैं।
दरअसल 2014 आम चुनाव के बाद लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर चुनाव में भाजपा के स्टार प्रचारक होते हैं। वह प्रधानमंत्री कम भाजपा राजनीति की ज्यादा भाषा इस्तेमाल करते हैं। जो काफी दुर्भाग्यपूर्ण होती है। भारत के राजनीतिक इतिहास में शायद ही कोई प्रधानमंत्री ऐसा रहा होगा जिसको चुनावी भाषणों में इस तरह झूठ का प्रचार प्रसार करते हुए पाया गया हो। और विपक्ष का कोई नेता झूठ बोलने के लिए मानहानि का केस दर्ज किया हो। मोदी सरकार रोज़गार के मुद्दे पर पूरी तरह नाकामयाब दिखाई दे रही है। इस संबंध में सरकार की अपनी योजनाएं भी कामयाब नहीं हो पाई है। सरकार की कौशल विकास योजना भी रोज़गार को लेकर बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाई। बता दें कि 2014 लोकसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी ने वाराणसी में कहा कहा था कि वो यहां से चुनाव इसलिए लड़ रहे हैं क्योंकि उन्हें मां गंगा ने बुलाया है। वो गंगा और धार्मिक मान्यताओं वाले वाराणसी शहर की सफाई करना चाहते हैं। ये भी उनका एक झूठ निकला आज गंगा की औऱ बनारस की हालत बद से बदतर हो चुकी है। उन्होंने यह भी कहा था कि वह वाराणसी को क्योटो जैसा बनाना चाहते हैं। हालांकि पीएम मोदी के शासनकाल के 4 साल बीतने के बाद भी इनमें से कोई वादा पूरा नहीं हो सका है
एक बार फिर से ये बात साबित हो गई है कि मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों से देश को नुकसान हुआ है। देश की गिरती जीडीपीपर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और बढ़ते बैंक घोटालों का असर पड़ा है। ये बात संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने अपनी एक रिपोर्ट में कही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में एक जुलाई 2017 को लागू जीएसटी और कंपनियों एवं बैंकों की कमजोर बैलेंस शीट के चलते आर्थिक वृद्धि कमजोर हुई। लेकिन कंपनियों के जीएसटी व्यवस्था के साथ बेहतर तालमेल होने पर निजी निवेश में वृद्धि , बुनियादी ढांचे पर खर्च में तेजी और सरकार के सहयोग से कंपनियों और बैंकों की बैलेंस शीट में सुधार से वृद्धि दर में धीरे धीरे सुधार की उम्मीद है। इससे पहले मनमोहन सिंह ने पीएम मोदी के आचरण पर सवाल उठाते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिन-रात जिस तरह से अपने विरोधियों को निशाना बना रहे हैं, देश के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ। उनकी भाषा का स्तर रात दिन गिरता जा रहा है। पहली बार है जब कोई प्रधानमंत्री इस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहा है। प्रधानमंत्री के पद की गरिमा कभी इतनी नहीं गिरी। सोनिया गांधी ने कहा कि, कांग्रेस की सिद्धारमैया सरकार ने कर्नाटक को नंबर एक बना दिया है। प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय जनता पार्टी पर सवाल उठाते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि, मोदी जी चुनावों में लगातार झूठ बोलते जा रहे हैं। भ्रष्टाचार पर प्रधानमंत्री बनने से पहले मोदी बड़ी बड़ी बातें किया करते थे लेकिन प्रधानमंत्री बनने के 4 साल बाद भी कुछ नहीं किया। अभी तक लोकपाल तक नहीं ला पाए हैं। सोनिया गांधी ने आगे कहा कि, मोदी जी महापुरुषों का अपने राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल करते हैं, क्या एक प्रधानमंत्री को ऐसा शोभा देता है ? दरअसल प्रधानमंत्री मोदी के कई झूठ बेनकाब हो चुके हैं। जो काफी चिंताजनक बताए जा रहे हैं। मोदीजी बोलते है कि कांग्रेस ने 70 साल करप्शन किया है।
मोदजी जिन राज्यों में आपकी सरकार पिछले दस साल से ज्यादा है वो भ्रष्टाचार में सबसे ऊपर हैं। गुजरात नं 1 पर है।
70 सालो में पी एम की गरिमा का अपमान इसी व्यक्ति ने किया है पढ़े लिखे होते तो एक पी एम की गरिमा क्या होती है वो भली भांति समझते। साहब कांग्रेस की 60 साल की नाकामियों को गिना रहो हो….
हिम्मत है तो कम से कम 4 साल में अपनी एक उपलब्धिया ही गिना दो ? मोदी ने अपने कारनामों से देश में अपने प्रति कभी ना कम होने वाली नफ़रत पैदा कर ली है । आने वाले समय में लोग गाली देने लगेंगे । मैं अंधभक्तों की आंख तो नहीं खोल सकती लेकिन चाहती हूं कि वे थोड़ी तर्क शक्ति और विवके का इस्तेमाल करे।
“डिजिटल इंडिया” का अगुवा रिलायंस – “जियो” बना, जबकि मौका सरकारी कंपनी बीएसएनएल / एमटीएनएल को दिया जाना चाहिए था कैशलेस इकोनॉमी का अवतार भारतीय एनपीसीआई के “रुपए” को बनना चाहिए था… लेकिन बाज़ी सीधे-सीधे “पे-टीएम” के हाथ लगने दी गई…!
फ्राँस के रफेल फ़ाइटर जेट का भारतीय पार्टनर सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एरोनौटिक्स लिमिटेड को होना चाहिए… लेकिन ऑर्डर मिला रिलायंस – “पिपावा डिफेंस”…!
भारतीय रेल को डीज़ल सप्लाई का ठेका सरकारी उपक्रम इंडियन ऑइल कार्पोरेशन से छीन कर रिलायंस पेट्रोकेमिकल्स को दे दिया गया!
ऑस्ट्रेलिया की खानों के टेंडर में सरकार चाहती तो “एमएमटीसी” की बेंक गारंटी एसबीआई के जरिये दे सकती थी… लेकिन मिला अडानी ग्रुप को…!
सरदार पटेल की मूर्ति भारत में बन सकती थी पर आर्डर चीन को दिया गया.
रेलवे के सबसे विकसित स्टेशन जान बूझ कर प्राइवेट कंपनियों को बेचे जा रहे हैं.सरकारी संस्थानों को जान-बूझकर प्राइवेट कंपनियों का पिछलग्गू बनाकर किसे फ़ायदा पहुँचाया जा रहा है…?
जानबूझ कर घाटा दिखा कर एयर इंडिया को निजी हाथों में बेचने की तैयारी हो रही है। मोदजी ने 4 साल में सिवा झूट औऱ जुमले के कुछ नही किया।