नरेन्द्र मोदी जी ने कभी कहा है कि उनके पिता पक्के कांग्रेसी थे और कांग्रेस ने उनके परिवार को सम्भाला था

एक हकिकत और सच्चाई शायद देश के प्रधान मन्त्री ने आज तक अपने मूंह से न कहा होगा कि उनके पिता स्व. दामोदरदास मोदी कांग्रेस के एक सक्रिय कार्यकर्ता और उनका कांग्रेस से वास्ता 1970 से 1980 तक रहा।
1973 मे जब गुजरात के वाडनगर के रेलवे स्टेशन का निर्माण हुआ तो नरेन्द्र मोदी के पिता का इन्दिरा गांधी के समीप होने के कारण उन्हे उक्त रेलवे स्टेशन के टी स्टाल का ठेका आसानी से मिल गया बाद मे कांग्रेस के साथ सक्रियता के कारण उनके दुसरे बेटे प्रहलाद मोदी को सस्ते गल्ले के दुकान का भी लाइसेन्स मिल गया था।
ठीक इसी ढंग से दामोदारदास मोदी ने कांग्रेस के साथ सक्रियता बनाते हुए वे अपने बडे पुत्र सोमा भाई और छोटे बेटे पंकज मोदी को गुजरात के प्रदेश सरकार की नौकरी दिलाने मे सफल रहे और ध्यान रहे कि उस समय इंदिरा गाँधी का बोल बाला चरम पर रहा I
क्या कारण रहा कि दामोदारदास मोदी ने नरेन्द्र मोदी के लिये कोई सिफारिस कांग्रेस से क्यों नही की, सुत्रो की माने तो दामोदारदास मोदी के साथ किन्ही कारणो से नरेन्द्र मोदी के साथ पटती नही थी I
अगर देखा जाये तो दामोदारदास मोदी के परिवार का भरण पोषण 1970-1980 के बीच इन्दिरा कांग्रेस के बदौलत हो पाई जब कि नरेन्द्र मोदी प्रधान मन्त्री बनने के बाद यह पूछते रहे कि कांग्रेस ने पिछले 60 वर्षो मे क्या किया, जब कि वे अपने को एक चाय वाला इन्ही कांग्रेस के देन के कारण कहते फिरते है, हालांकि पिता के साथ पटरी न खाने की वजह से नरेन्द्र मोदी ने कभी भी वाडनगर स्टेशन पर चाय नही बेची थी।
जो व्यक्ती अपनी शुरुवाती जीवन से ही अपने परिवार के किसी काम मे न आया हो और सारा जीवन अपने परिवार से दूरी बना के चला हो ऐसे व्यक्ती देश का भला क्या कर सकता है, सिवाय अपने भले को, आज जो बातो-बातो मे नरेन्द्र मोदी कांग्रेस को गाली देने का काम कर रहे है असल मे वो सब गाली अपने पिता को ही दे रहे है।
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