
पुलवामा अटैक भाजपा की साजिश ?
अरुण जेटली ने वित्तमंत्री होने के बावजूद किस अधिकार और हैसियत से कश्मीर में सेना की चेकपोस्ट हटवाई?
रक्षामंत्रालय, गृहमंत्रालय, NSA, सुरक्षा एजेंसियां, PMO से लेकर
अजीत डोभाल, निर्मला सीतारमण, राजनाथ सिंह सहित भाजपा के प्रचारमंत्री #नरेंद्र_मोदी तक ने इसे कैसे चुपचाप होने दिया!
भारतीय मीडिया इसपर एक भी शब्द बोलने की जरूरत क्यों नहीं समझता?
पुलवामा हमले को लेकर कांग्रेस को कोसने वाले हरामजादों ने इस महत्वपूर्ण तथ्य पर एक शब्द क्यों नहीं कहा?
प्रश्न कई हैं
CRPF के कनवे को हवाई कवर मुहैया कराने का नियम क्यों नहीं पूरा किया गया?
हमले से हफ्ता पहले ही न सिर्फ देश की बल्कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने भी हमले की चेतावनी दी थी! इसके बावजूद कोई भी एहतियात कोई नहीं बरती गई?
पुलवामा में स्कूली बच्चों के स्कूल बैग तक चेक किए जाते हैं! फिर 350 किलो LED विस्फोटक किस तरह एकत्र हुआ?
अब तक हमले में प्रयुक्त स्कॉर्पियो के मालिक का कोई पुख्ता प्रमाण क्यों नहीं मिला?
हमले के बाद सेना को खुली छूट का जुमला उछालकर भी जवाबी कार्यवाही की जगह उसकी खानापूर्ति क्यों करके इतिश्री की जा रही?
एक बार में 2500 से ज्यादा जवानों के कनवे को मूव न कराने की नीति क्यों बदली गई?
हमले के चंद घंटों बाद ही BJP IT Cell ने हमले के राजनैतिक लाभ उठाने वाले एडिटेड वीडियो क्लिपिंग और मेडन वीडियो कैसे अपलोड करने शुरू कर दिए?
हमले के अगले दिन से ही भाजपाईयों ने सेना के लिए उमड़े राष्ट्रप्रेम को नमो अगेन कैंपेन से जोड़ने की जो कार्यवाही की वो क्या पहले से की तैयारी के बिना मुमकिन हो सकती है?
सवाल और भी हैं लेकिन जवाब नहीं दिए जा रहे
मीडिया दलाली में अपना कर्तव्य भूलकर इन प्रश्नों की अनदेखी कर रही है!
सत्ता से सवाल पूछने की जगह बिके पत्रकार खुद मोदी सरकार का प्रवक्ता बनकर उसे डिफेंड करते हुए रिपोर्टिंग कर रहे हैं!
ऐसे में हमारा-आपका फ़र्ज है कि देश के प्रति अपनी निष्ठा और कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए, अपने पास उपलब्ध सोशलमीडिया प्लेटफार्म के माध्यम का उपयोग करते हुए सत्ताधीशों से सवाल करें!
उन्हें बाध्य करें कि वो सच जनता के साथ साझा करें! या फिर अन्यों को सजग करके इस देश विरोधी सरकार को उखाड़ फेंके!