
भारत की सभ्यता संस्कृति जो विश्व भर में पहचानी गई है उसमें महिलाओं का सम्मान और महिलाओं को लेकर इज्जत ऐसा माना गया है कि यह विश्व में कहीं नहीं है।
मगर नई संस्कृति जो भारत में उभर रही है जिसको कहीं ना कहीं भारतीय सरकार का समर्थन प्राप्त है वह अब महिलाओं का सम्मान इज्जत करने के बजाए उनको अपमानित करने में अधिक विश्वास रख रही है और यह हो भी क्यों ना जब देश का प्रधानमंत्री महिलाओं पर ऊंची अश्लील और आपत्तिजनक टिप्पणी करें तो फिर उनके समर्थक उनके विधायक उनके सांसद ऐसी टिप्पणी करते हैं तो इसमें किसी को आपत्ति क्यों हो जाएगी ?
क्योंकि कहा जाता है कि देश का राष्ट्रपति प्रधानमंत्री या किसी राज्य का मुख्यमंत्री देश और राज्य को एक दिशा देता है अपने भाषणों से अपने विचारों से अपने आने वाले कार्यों से लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषणों में लगातार महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है अभी हाल ही में कर्नाटक चुनाव के प्रचार में पहुंचे नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से सोनिया गांधी के विदेशी होने पर आपत्तिजनक टिप्पणी की वह भी उनकी मानसिकता को दर्शाता है राहुल गांधी अपने भाषणों में इस बात का जिक्र करते हैं कि rss महिला विरोधी मानसिकता को आगे बढ़ाती है और यह बात कहीं ना कहीं सच साबित होती है जब RSS की शाखा से निकले हुए विधायक और सांसद महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हैं यहां तक कि Rss से जुड़ी संस्था और नेतागण बलात्कार जैसे संगीन जुर्म को भी सही ठहराने में और उनके समर्थन में रैली निकालने से भी नहीं चूकते हैं चाहे वह कठुआ का मामला हो उन्नाव का मामला हो या फिर हरियाणा राजस्थान बिहार जैसी जगहों पर नेताओं का टिप्पणी हो महिलाओं को लेकर लगातार नरेंद्र मोदी ने जो टिप्पणी की है उसमें अगर हम कहें तो महिलाओं का अचार बेचने वाला टिप्पणी या फिर शशि थरूर जी के दिवंगत पत्नी सुनंदा पुष्कर को 50 लाख की गर्लफ्रेंड का नाम देना या फिर अन्य जगहों पर महिलाओं को लेकर ऐसे बयान दे देना जिससे महिलाओं को कहीं न कहीं असहज महसूस होता है जैसे कुछ दिन पहले कांग्रेस के एक सांसद को पीएम ने राक्षस से तुलना किया था। नरेंद्र मोदी के साथ RSS की शाखाओं में बताए गए सिद्धांतों के कारण होता है। मगर देश और विदेश में इसका गलत संदेश जाता है कि कहीं ना कहीं भारत महिलाओं से घृणा करने वाला और महिलाओं के लिए असुरक्षित देश हो गया है। जिस देश को लक्ष्मीबाई इंदिरा गांधी सरोजिनी नायडू जैसी महिलाओं ने कहीं ना कहीं संजोया आगे बढ़ाया उसके लिए शहादत दी उस देश में महिलाओं के खिलाफ जिस तरह से एक नया विचारधारा उत्पन्न हो रहा है उसके लिए कहीं न कहीं भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिम्मेवार हैं क्योंकि जिस तरह से भाजपा के नेता लगातार विरोधी दलों के महिला नेताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हैं वह प्रधानमंत्री के आशीर्वाद के बिना संभव नहीं है कहीं ना कहीं उनको उनका पूरा आशीर्वाद और सहयोग प्राप्त है।
ऐसे में अब महिलाओं को भी जो देश की आधी आबादी लोकतंत्र में आधी संख्या में मतदाता होने के कारण सोचना चाहिए कि क्या वह एक ऐसे नेता को चुनेगी या फिर ऐसे नेताओं को आगे बढ़ाएगी जिस का एकमात्र काम महिलाओं का अपमान करना है महिलाओं को खुद सोचना होगा कि क्या वह एक ऐसे दल को ऐसे संस्थान को मदद करेगी जिसका प्राथमिक काम महिलाओं का अपमान करना है। RSS की विचारधारा के बारे में राहुल गांधी ने साफ कहा है कि यह महिला विरोधी संस्था है इसमें महिलाओं को कोई हक नहीं दिया जाता है आप भाजपा के नेताओं के बयान सुनिए उनके बयान में साफ झलकता है कि महिलाओं को या तो वह घरेलू कार्य करने वाली समझते हैं या फिर सिर्फ उनको पाबंदियों में जकड़ा हुआ समझते हैं उनके नजर में महिलाओं का कोई हक या कोई कार्य नहीं होता है इसलिए ऐसे में महिलाओं को आगे आकर अपने हक के लिए आवाज उठानी होगी और जो नेता उनके खिलाफ टिप्पणी करते हैं उनको सबक सिखाना होगा।