राहुल की सौम्यता और आक्रमकता मोदी को हराने के लिये काफी है :

राहुल गाँधी की छवि सौम्य और शांत नेता के रूप में है जो अपने विरोधियों से भी प्रेम से बात करते है मगर राहुल इस छवि से आगे बढ़ रहे हैं।

राहुल की आक्रमकता और कटाक्ष भरे ट्वीटों से सरकार के मंत्री और सांसद की बौखलाहट बता रहा है कि राहुल का तीर निशाने पर लग रहा है।

जहाँ एक तरफ राहुल देश की सुरक्षा, युवाओ को रोजगार, महंगाई और गरीबी से जुड़े मुद्दे को उठाकर जनता की पसन्द बन रहे हैं वही दूसरी तरफ सरकार, पैड मीडिया और सरकार समर्थक राहुल-राहुल की जाप के कारण मीडिया और नेता जनता के बीच मजाक का पात्र बन रहे हैं।

देखा जाए तो ये राहुल की सबसे बड़ी जीत ये है कि वो लगातार मीडिया में चर्चा का विषय बने हुए हैं और सरकार के नेता उन पर हमला कर रहे हैं।
राहुल बीजेपी के हर राज्य सरकार के कमजोरियों को जनता के सामने पहुंचाने में नहीं रुक रहे हैं वह बीजेपी के हर उस कमजोरी को जनता तक पहुंचा रहे हैं जिससे कहीं ना कहीं कांग्रेस को आगामी चुनाव में फायदा होगा इसलिए भी भाजपा खास तौर पर तिलमिलाई हुई है।
अपने सिद्धांत और विचारधारा के लिए स्पष्ट माने जाने वाले राहुल गांधी गांधीवाद को जिस तरह से आगे बढ़ा रहे हैं और नेहरूवियन सोच के तहत देश को आधुनिक और विकसित बनाने की रूपरेखा वह रख रहे हैं कहीं ना कहीं भाजपा को इससे काफी नुकसान होने जा रहा है।
राहुल की सबसे खास बात अभी जो जनता को पसंद आ रही है वह जनता से उनका अपनापन और मिलनसार स्वभाव है जहां एक तरफ नरेंद्र मोदी बड़े बड़े उद्योगपतियों से घिरे होने के कारण आम जनता और खास तौर पर कमजोर वर्ग तक नहीं पहुंच पा रहे हैं तो वहीं राहुल गांधी अपनी यात्राओं में खास तौर पर यह ध्यान दे रहे हैं वह कमजोर तबका और गरीब लोगों से मिलकर उनकी मन की दिल की बात जरूर जान रहे हैं।

राहुल अपने भाषणों के अलावा हर जगह संवाद कार्यक्रम जरूर रख रहे हैं जिसमें युवा आमजन और वहां के व्यवसायी सहित क्षेत्र के गणमान्य लोगों से बात कर उनकी समस्याओं उनकी मानसिक स्थिति और उस क्षेत्र के विकास की बातों को समझ रहे हैं राहुल का लोगों से जुड़ना भी भाजपा को काफी नुकसान पहुंचा सकता है क्योंकि कांग्रेस जब भी कमजोर हुई है वह जनता के बीच जाकर ही मजबूत हुई है।

कांग्रेस ने कभी झूठे प्रचार या प्रोपगेंडा का इस्तेमाल नहीं किया है उन्होंने बस जनता के बीच जाकर सच्चाई बताई है जिसके बाद जनता ने उन्हें पुनः अपनी सेवा का मौका दिया है।

राहुल जिस आक्रमकता और सौम्यता के मिश्रण के साथ आगे बढ़ रहे हैं कहीं ना कहीं भाजपा के लिए एक चुनौती है उन्हें कैसे रोका जाए।

हर दिन एक नया ट्वीट में भाजपा और मोदी पर हमला, भाजपा भी समझ नही पा रही है कि आखिर राहुल में ये बड़ा बदलाव कैसे हो गया है।
राहुल जहां एक तरफ सरकार के खिलाफ हर दिन एक नया मुद्दा रखकर चर्चा का विषय बने हुए हैं तो वही दूसरे तरफ वो हर प्रदेश के नेताओ के साथ चर्चा करके जनता के मुद्दों को जान रहे हैं ताकि आने वाले चुनावों में भाजपा को पटखनी देने में आसानी हो।

ऐसा लगता है राहुल गाँधी अब 2019 के चुनाव के लिये तैयार हो चुके हैं।

✍ शिल्पी सिंह

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