
आरएसएस मानहानि केस में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी मंगलवार को ठाणे की भिवंडी कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें इस मामलेा में आईपीसी की धारा 499 और 500 के ततह आरोपी माना। सुनवाई के समय कोर्ट में राहुल ने कहा मैं बेकसूर हूं। आपको बता दें कि राहुल गांधी ने आरएसएस पर महात्मा गांधी की हत्या कारोप लगाया था। इसके बाद एक संघ कार्यकर्ता ने उनके खिलाफ मानहानि का केस दर्ज करवाया था।
कोर्ट से निकलकर राहुल गांधी ने कहा आज किसानों की स्थिति खराब है। आज 15 से 20 लोगों की सरकार चल रही है। रोजगार और किसानों की रक्षा और पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों पर के बारे में पीएम कुछ नहीं कहते। हम पर केस किए जा रहे हैं। मेरी यह विचारधारा की लड़ाई है और हम जीतेंगे।
राहुल गांधी पर मार्च 2014 में महाराष्ट्र के भिवंडी में एक इलेक्शन रैली में अपनी स्पीच के दौरान आरएसएस की मानहानि करने का आरोप है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राहुल ने अपनी स्पीच में 1948 में हुई महात्मा गांधी की हत्या के लिए आरएसएस को दोषी ठहराया था।
राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि केस आरएसएस की भिवंडी यूनिट के सचिव राजेश कुंटे ने दायर किया था। कुंटे का कहना है कि कांग्रेस नेता ने अपनी स्पीच के माध्यम से आरएसएस की इमेज को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की।
कोर्ट का फैसला आने के बाद सोशल मीडिया मीडिया और अन्य जगहों पर इस केस को लेकर चर्चा होने लगी जहां कुछ लोगों ने राहुल गांधी का समर्थन में कई बातें कही तो कुछ लोग राहुल के विरोध में भी बोलते नजर आए। कई लोग इतिहास के दस्तावेजों का हवाला देते हुए राहुल के समर्थन में कई तथ्य प्रस्तुत किए उन्होंने सरदार पटेल की चिट्ठियां सरदार पटेल का आदेश उस समय जांच के आयोग का रिपोर्ट ऐसे कई दस्तावेज दिए जिसमें साफ दिख रहा है महात्मा गांधी के हत्या में RSS शामिल था।
एक रिपोर्ट के अनुसार महात्मा गांधी के हत्या के बाद RSS ने पुणे में मिठाइयां तक बांटी थी और गोडसे के खिलाफ कोर्ट में जब ट्रायल चल रहा था तब भी RSS के कई नेता गोडसे के साथ कोर्टमें जाया करते थे जो साफ बताता है कि RSS गोडसे को समर्थन कर रही थी और गोडसे ने अपनी किताब में लिखा भी था कि वह RSS का कार्यकर्ता था और कार्यकर्ता के रूप में ही उसने बापू की हत्या की थी गोडसे के भाई गोपाल गोडसे के द्वारा लिखी किताब में भी इसका हवाला दिया गया है। वही हिंदू महासभा के अनुसार भी गोडसे RSS का कार्यकर्ता था और RSS उसका समर्थन करती है।
जिस तरह से RSS ने राहुल पर मानहानि का केस दायर किया है उसके बाल इतिहासकारों और कानून के जानकारों का मानना है कहीं ना कहीं RSS के लिए उल्टा पड़ सकता है क्योंकि जैसे-जैसे केस आगे बढ़ेगा और दस्तावेज सामने आयेगा तो RSS का काला इतिहास भी लोगों को पता चलेगा जिससे RSS के छवि को गहरा धक्का लगेगा।