शर्मनाक : कुँए के पानी में नहाने के जुर्म में दलित बच्चों की बेल्ट से पिटाई :

देश में दलितों पर अत्याचार का सिलसिला रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है, जिसका ताजा मामला एक बार फिर से देखने को मिला है। महाराष्ट्र के जलगांव जिले में दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले 3 नाबालिग युवकों को निर्वस्त्र कर बेरहमी से पिटाई का मामला सामने आया है। इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद पता चला कि उनकी ऐसी पिटाई सिर्फ इस लिए की गई क्योंकि वो तालाब में तैरने के लिए उतर गए थे।

वहीं, इस वीडियो को शेयर करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर से बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधा है। उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंटर पर बच्चों की पिटाई का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “महाराष्ट्र के इन दलित बच्चों का अपराध सिर्फ इतना था कि ये एक “सवर्ण” कुएं में नहा रहे थे। आज मानवता भी आखरी तिनकों के सहारे अपनी अस्मिता बचाने का प्रयास कर रही है। RSS/BJP की मनुवाद की नफरत की जहरीली राजनीति खिलाफ हमने अगर आवाज़ नहीं उठाई तो इतिहास हमें कभी माफ नहीं करेगा।”

वीडियो में नजर आ रहा है कि कुछ बच्चों को एक शख्स बेल्ट से बुरी तरह पीटा जा रहा है। दो बच्चों के शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं है। इस दौरान बच्चे गिड़गिड़ा रहे है और खुद को बचाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन पिटाई करने वाला शख्स मानता नजर नहीं आ रहा है।
बताया जा रहा है कि ये लड़के गर्मी से राहत पाने के लिए गांव के तालाब में नहाने के लिए गए थे। इनकी उम्र 12 से 14 साल के बीच की है। जब लड़कों के तालाब में नहाने के बारे में गांव के लोगों को पता चला तो बड़ी संख्या में लोग मौके पर जमा हो गए और लड़कों को तालाब से बाहर निकलने को कहा। इसमें उच्च जाति के लोग भी शामिल थे। पहले तो लोगों ने लड़कों को अपशब्द कहे। लड़कों के तालाब से निकलने के बाद कुछ लोगों ने उन्हें कपड़े निकालने के लिए मजबूर किया और फिर उनकी पिटाई की और गांव में निर्वस्त्र कर घुमाया। इस घटना के बाद लड़कों के परिजनों ने स्थानीय पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराई, और अब पीड़ितों के परिजनों पर गांव के प्रभावशाली लोग शिकायत वापस लेने का दबाव बना रहे हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने में दलित लड़कों को पीटने जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है। कांग्रेस अध्यक्ष ने ट्वीट किया, “महाराष्ट्र के इन दलित बच्चों का अपराध सिर्फ इतना था कि ये एक ‘सवर्ण’ तालाब में नहा रहे थे। आज मानवता भी आखरी तिनकों के सहारे अपनी अस्मिता बचाने का प्रयास कर रही है। आरएसएस और बीजेपी की मनुवाद की नफरत की जहरीली राजनीति खिलाफ हमने अगर आवाज नहीं उठाई तो इतिहास हमें कभी माफ नहीं करेगा।” कांग्रेस ने इस घटना की कड़ी निंदा की है, और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। वहीं सत्तारूढ़ बीजेपी के दलित नेताओं ने भी इस घटना की निंदा की है और दोषियों पर एससी-एसटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किए जाने की मांग की है। निंदा करने वालों में पूर्व मंत्री एकनाथ खड़से और गुजरात के दलित नेता जिग्नेश मेवानी भी शामिल हैं।

✍ शिल्पी सिंह

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