मध्य प्रदेश में कांग्रेस के द्वारा नई समीकरण के साथ जिस तरह से कमलनाथ को अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रचार समिति का अध्यक्ष और 4 नए कार्यकारी अध्यक्ष जिसमें जीतू पटवारी जैसे नाम शामिल हो जब से बनाया गया है तब से शायद भाजपा में एक नया हड़कंप मच गया है।
जिस कारण से कर्नाटक प्रचार छोड़ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भी मध्य प्रदेश का दौरा करना पड़ा क्योंकि कहीं ना कहीं पार्टी में भी बगावत शुरू हो चुकी थी और शिवराज सरकार के मंत्री, विधायक और पार्टी के आला नेताओं में कहीं न कहीं मतभेद खुलकर सामने आ रहे थे जिसके बाद अमित शाह खुद मोर्चा संभालने मध्य प्रदेश पहुंचे जहां पर उन्होंने फिर से कांग्रेस पर झूठा आरोप प्रत्यारोप तो लगाया ही लेकिन साथ-साथ जिस तरह से उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपने भाषणों में निशाने पर लिया उसने यह बात साफ कर दी कि इस बार भाजपा ने शिवराज बनाम सिंधिया की लड़ाई को मान लिया है और कहीं ना कहीं भाजपा को भी यह लग रहा है कि अगर कांग्रेस ने सिंधिया को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार बनाया तो मध्यप्रदेश में कांग्रेस की जीत संभव हो सकती है।
जबसे ज्योतिरादित्य प्रचार समिति के अध्यक्ष बने हैं उनका तेवर भी कुछ अलग सा ही दिखने लगा है पहले अफवाह उड़ी कि वह पार्टी से नाराज चल रहे हैं लेकिन जिस तरह से उन्होंने कार्यभार संभालने के दिन भोपाल में रोड शो और उसके बाद अपने भाषण में अपना दमखम दिखाया उसके बाद से यह साफ हो गया कि ज्योतिरादित्य नाराज नहीं है बल्कि वह अपने इस नई जिम्मेदारी से काफी उत्साहित और काफी उर्जा पूर्ण है उन्होंने शिवराज सिंह को ट्विटर पर भी जवाब दिया और शिवराज सिंह के लगातार जवाब दे रहे हैं उसके बाद आखिरकार शिवराज सिंह को भी अपने ट्वीट के जरिए उनको हमला करना पड़ा और इसके बाद सिंधिया के समर्थकों ने जिस तरह से उनकी खिंचाई की और सिंधिया के जमीनी नेता होने का प्रमाण दिया उसके बाद शिवराज को भी कहीं ना कहीं अहसास हो गया है कि वह जो चौथी बार CM बनने का सपना देख रहे हैं वह सपना उनका पूरा नहीं हो सकेगा।
इसलिए आज से 2 दिन पहले एक सम्मेलन में शिवराज सिंह ने कहा भी था कि मैं तो इस कुर्सी से जा रहा हूं अब ना जाने कौन संभालेगा ये उनका मजाकिया अंदाज नहीं था बल्कि आगमी विधानसभा चुनाव के लिए मध्यप्रदेश में जो उन्होंने कांग्रेस की लहर देखी है उसको देखते हुए उन्होंने कहा है।
सिंधिया के नाम से भाजपा में भय होना भी लाजमी है क्योंकि ज्योतिरादित्य सिंधिया ऐसे नेता माने जाते हैं जिनका मध्य प्रदेश के सभी भागों में प्रभाव है खास करके उनका गुना लोकसभा क्षेत्र के आसपास का क्षेत्र की जनता हमेशा समर्पित रहते हैं उससे जो हवा बनता है वह पूरे मध्यप्रदेश में सिंधिया को फायदा दे सकता है जिस कारण से सिंधिया ने मुंगावली और कोलारस में शिवराज को मात दी थी यही कारण है कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने अपना सारा मशीनरी सिंधिया को कहीं ना कहीं टारगेट करने के लिए लगा दिया है इसलिए अब भाजपा के सोशल मीडिया और भाजपा सरकार की गोदी मीडिया ज्योतिराज सिंधिया पर हमला करने में लग चुकी है।
भोपाल में किया गया विशाल रोड से उत्साहित कांग्रेस के नए अध्यक्ष माननीय कमलनाथ ने भी ऐलान कर दिया है शिवराज की सत्ता को फेकेंगे। उन्होंने कहा उनका सपना किसी पद पर आने का नहीं है बल्कि उनका एक ही लक्ष्य है कि वह शिवराज को सत्ता से उखाड़ देंगे क्योंकि शिवराज ने किसानों पर गोलियां चलाई नौजवानों की नौकरियां खाई और माताओं पर लाठी बरसाई हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ता ऊर्जावान हैं और प्रदेश की जनता उनके साथ संकल्पित है। उन्होंने कहा प्रदेश की जनता का मन से स्पष्ट है कि आगमी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 150 सीटों के साथ जीतकर मध्यप्रदेश में एक नया सरकार बनाएगी जो सरकार युवाओं और किसानों की होगी।
अमित शाह के द्वारा जिस तरह से मध्यप्रदेश में जुमलेबाजी की गई और कहा गया कि प्रदेश में वह चौथी बार सरकार बनाने जा रहे हैं इसको कांग्रेस के दिग्गज नेता और विधानसभा के विपक्ष नेता अजय सिंह ने कोरी कल्पना कहा है और कहा है कि अमित शाह जी सपना देखना अब छोड़ दीजिए क्योंकि जनता जाग चुकी है युवाओं ने आप लोगों की जुमलेबाजी हवाबाजी और वादों का पुल देख लिया है अब वादों का पुल नहीं चलेगा अजय सिंह ने साफ तौर पर कहा है कि इस बार किसी व्यक्ति की नहीं किसी जाती कि नहीं किसी पार्टी की नहीं बल्कि मध्य प्रदेश की सरकार बनेगी जो मध्य प्रदेश की जनता की सरकार होगी जिसका नेतृत्व कांग्रेस करेगा और यह मध्य प्रदेश के करोड़ों मतदाताओं का सरकार होगा।
शिवराज को अगर किसी नाम से अभी सबसे ज्यादा डर लग रहा है तो वह कहीं ना कहीं सिंधिया का नाम है इसलिए वह अन्य नेताओं पर हमलावर ना होकर अधिकांश समय सिंधिया पर ही लगा रहे हैं और नरेंद्र मोदी ने भी ऐसा लगता है उन्हें साफ संदेश भिजवाया हो कि वह अन्य अन्य नेताओं पर समय ना बर्बाद कर ज्योतिरादित्य सिंधिया के पीछे दिमाग लगाएं और किसी न किसी तरह उनके बढ़ते कद को छोटा करने की कोशिश करें लेकिन सिंधिया अपने ही उमंग में अपने ही मस्त चाल में आगे बढ़ते जा रहे हैं कर्नाटक चुनाव के प्रचार में भी गरज कर आए है और फिर वह अब फिर मध्य प्रदेश के दौरे पर निकल रहे हैं और यह दौरा उनका धीरे-धीरे पूरे मध्यप्रदेश में फैलेगा और उन्होंने कहा है कि पार्टी चाहे CM उम्मीदवार किसी को भी बना दें लेकिन हमारा एक ही लक्ष्य होगा की मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार का निर्माण।