
भारतीय जनता पार्टी ने भारी बहुमत के साथ केंद्र की सत्ता में वापसी की है। ऐसे में मशहूर अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने बीजेपी की इस जीत को डर के दम पर हासिल की गई जीत करार दिया।
द टेलीग्राफ में लिखे अपने एक लेख में अमर्त्य सेन ने लिखा है कि पीएम मोदी की यह जीत उनकी उपलब्धियों के लिए नहीं बल्कि डर के बलबूते पर हुई है।
अमर्त्य सेन ने लिखा कि पुलवामा हमले और एयर स्ट्राइक के बाद उभरे राष्ट्रवाद का पीएम मोदी और भाजपा को फायदा मिला है। वह कहते हैं कि भारतीय आम चुनाव में एक डर का माहौल बनाया गया, जिसे मोदी द्वारा बखूबी इस्तेमाल किया गया।
प्रधानमंत्री ने रोजगार, आर्थिक वृद्धि, स्वास्थय सेवाओं की बेहतरी और भ्रष्टाचार पर कोई बात नहीं की। इसकी जगह पर मोदी ने भारतीय नागरिकों के सामने सिर्फ डर का माहौल बनाने की कोशिश की, कभी आतंकवाद का डर, कभी पाकिस्तान का डर और कभी भारत के अंदर मौजूद तत्वों का डर दिखाया।
अपनी बात के समर्थन में अमर्त्य सेन कहते हैं कि बीते लोकसभा चुनावों में भाजपा को जीत उनके चुनावों के दौरान किए गए वादों से मिली, जिसमें उन्होंने रोजगार बढ़ाने, भ्रष्टाचार मिटाने जैसी बातें कहीं। जबकि हालिया लोकसभा चुनावों के प्रचार में प्रधानमंत्री ने अपनी उपलब्धियों के बारे में कोई बात नहीं की।
अमर्त्य सेन के अनुसार, इसका भाजपा और पीएम मोदी को फायदा मिला। भाजपा के पिछले 5 साल के कार्यकाल को कटघरे में खड़ा करते हुए सेन ने कहा कि मोदी सरकार ने अपने वादे पूरे नहीं किए और बीते पांच सालों में भारत धार्मिक तौर पर ज्यादा बंट गया है।