
टीवी डिबेट में अपने प्रवक्ताओं को ना भेजने के फैसले को कांग्रेस ने एक महीने से आगे बढ़ा दिया है और कहा है कि अगले आदेश तक ये रोक लगा रहेगा।
लोकसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन और करारी हार के बाद कांग्रेस ने अपने प्रवक्ताओं को टीवी डिबेट में नहीं भेजने का फैसला किया था। शुरू में ये आदेश 1 महीने के लिए था जो अब पार्टी ने अगले आदेश तक इस फैसले को आगे बढ़ाने का फैसला किया है यानी टीवी बहस में अभी भी कांग्रेस प्रवक्ता हिस्सा नहीं लेंगे.
लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद से कांग्रेस ने अपने प्रवक्ताओं को टीवी डिबेट में जाने से रोक दिया था. पार्टी ने अपने प्रवक्ताओं को टीवी डिबेट्स से दूर रहने की हिदायत दे दी है. संसदीय चुनाव नतीजों के बाद 29 मई को पार्टी के प्रवक्ताओं को टीवी डिबेट में न भेजने के फैसले की जानकारी कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक ट्वीट के जरिए दी थी.
कांग्रेस और तमाम विपक्षी दलों का आरोप है कि मीडिया विपक्ष के खिलाफ सरकार के आदेश पर एक फिक्स एजेंडा चलाती है जिससे विपक्षी दलों को नुकसान होता है।
विपक्षी दलों का यहां तक मानना है कि जिस तरह से मीडिया एक खास एजेंडा के तहत जो खबर चलाती है उसका नुकसान उन्हें चुनावो में भी हुआ है और इस तरह के नतीजे के लिए कहीं न कहीं मीडीया भी जिम्मेदार है।
पार्टी जहां एक तरफ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का बहिष्कार कर रही है तो वहीं प्रिंट मीडिया से पार्टी प्रवक्ता पहले के तरह ही उन से बात कर रहे हैं।
अब देखना है कि पार्टी में जो आंतरिक फेरबदल हो रहा है क्या उसके बाद पार्टी अपने प्रवक्ताओं को भेजती है या फिर ये आदेश आगे भी जारी रहता है।