कांग्रेस छोड़ BJP में शामिल होने का ऑफर ठुकरा चुके ये दिगज्ज नेता बनेंगे कांग्रेस अध्यक्ष

राहुल गांधी को बार बार मनाने की प्रयास असफल होने के बाद अब लगता है कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस हाईकमान वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे के नाम पर मुहर लगा सकता है। जितने बीबी नाम सुर्खियों में हैं उनमें शिंदे के अध्यक्ष बनने की सबसे मजबूत संभावनाएं हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार कांग्रेस आलाकमान और गांधी परिवार ने देश के पूर्व गृह मंत्री और महाराष्ट्र से आने वाले दिग्गज नेता सुशील कुमार शिंदे को अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर तैयार हैं। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं पर जो कुछ बड़ा कारण लग रहा है वो ये है कि आने वाले कुछ माह में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है और शिंदे पार्टी के एक बड़े दलित चेहरा हैं साथ शिंदे मुंबई से पार्टी को बड़ा फंड दिलवाने के साथ-साथ एनसीपी को फिर से कांग्रेस में विलय करने की बातों को आगे बढ़ा सकते हैं क्योंकि शिंदे और पवार का रिश्ता काफी मजबूत है।

इस पद के लिए कई नामो का चर्चा चल रही है और सभी नेताओं को अध्यक्ष बनाए जाने के लिए कई ठोस वजह बताई जा रही है। इस सूची में अशोक गहलोत, मल्लिकार्जुन खड़गे, गुलाम नबी आजाद, जनार्दन द्विवेदी, एके एंटनी शामिल हैं।

इन सब मे सबसे अधिक चर्चा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की हुई। गहलोत ने सोनिया-राहुल के सा‌थ कई राउंड की बैठकें कीं. लेकिन राहुल गांधी इस वक्त राजस्‍थान में कोई रिस्क नहीं चाहते हैं. क्योंकि राजस्‍थान में सत्ताधारी कांग्रेस और विपक्ष बीजेपी के बीच बहुत ज्यादा अंतर नहीं है. ऐसे में अगर अनुभवी अशोक गहलोत वहां से निकल जाते हैं तो कांग्रेस के लिए एक और राज्य में खतरा बढ़ सकता है जो राहुल गांधी नही चाहते हैं।

दूसरा नाम जो है वो मल्लिकार्जुन खड़गे का है पर खड़गे लेकर यह चर्चाएं हैं कि उन्होंने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष रहने के दौरान ही कई मौकों पर कांग्रेस आलाकमान से परामर्श किए बगैर फैसले ले लिए जो पार्टी के लिए मुश्किल बन गया।

इसके बाद जो नाम आया वो गुलाम नबी आजाद और जनार्दन द्विवेदी का था पर गुलाम नबी को बीजेपी आसानी से निशाने पर ले लेती जबकि जनार्दन द्विवेदी के सक्रिय राजनीति से काफी दूर रहे हैं। जिद कारण इन दोनों का उम्मीद कम ही माना जा रहा है।

ऐसे में अध्यक्ष पद के लिए सबसे अधिक जिस नाम पर चर्चा हो रही है वो सुशील कुमार ‌ हैं। शिंदे दशकों से गांधी परिवार के विश्वस्त बने हुए हैं. उन्हें राजनीति में लाने का श्रेय शरद पवार को जाता है. लेकिन बात जब कांग्रेस और अपने गुरु के बीच चुनने की आई, तो उन्होंने कांग्रेस को चुना जिस कारण भी वो गांधी परिवार के प्रिय बने रहे। एक समय जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के सबसे प्रबल दावेदार ‌थे उस वक्त उन्हें आंध्र प्रदेश का राज्यपाल बना दिया गया और वो चुपचाप बिना विरोध किए स्वीकार कर लिए। इन्ही सब कारणों से गांधी परिवार के वो काफी करीब हैं।

सुशील कुमार शिंदे भले ही कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए सबसे आगे चल रहे हो पर शिंदे का पीएम मोदी से भी बेहद मधुर रिश्ता रहा है। जब सुशील कुमार शिंदे केंद्रीय गृहमंत्री थे और नरेंद्र मोदी गुजरात मुख्यमंत्री हुआ करते थे. उस वक्त कई मर्तबे पीएम मोदी को सुशील कुमार शिंदे से बातचीत करने की जरूरत पड़ती रहती थी. इस दौरान दोनों काफी करीब आए।

एक समय सुशील को शिंदे को कांग्रेस छोड़ एनसीपी में जाने का मौका मिला था दूसरी पर उन्हें बीजेपी से भी ऑफर आया था। ये बात शिंदे ने खुद बताया था कि बीजेपी उन पर उनके परिवार पर डोरे डाल रही है। शिंदे की बेटी प्रणिती शिंदे महाराष्ट्र की सोलापुर सीट से विधायक हैं। उस वक्त शिंदे ने कहा था कि बीजेपी लंबे समय से प्रणिती शिंदे को बीजेपी में शामिल होने का ऑफर दे रही है. लेकिन अब बीजेपी मुझे भी यही ऑफर कर रही है। शिंदे के इस खुलासे के बाद बीजेपी ने इसे नकार दिया था।

शिंदे 2019 में लोकसभा चुनाव हार गए , चुनाव में वो गांधी परिवार के किसी शख्स को अपने क्षेत्र में रैली या रोडशो के लिए बुलाना चाहते थे पर वो नही आए , इन सबको पीछे छोड़ते हुए फिलहाल शिंदे कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए सबसे आगे चल रहे हैं।

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