राजनैतिक संकट के बीच 35 लाख परिवारो को मुख्यमंत्री गहलोत ने सीधी आर्थिक सहायता देने का किया ऐलान

प्रदेश में भले ही राजनीतिक संकट गहराया हुआ हो, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोविड-19 महामारी के कारण लॉकडाउन से प्रभावित जनता को राहत देने के फैसले लेने जारी रखे हुए हैं. सीएम गहलोत ने मंगलवार को कैबिनेट मीटिंग में अहम फैसला लेते हुए गरीबों व असहायों को एक-एक हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने का फैसला किया है. कैबिनेट ने पर्यटन सेक्टर के लिए राहत उपायों का अनुमोदन किया और साथ ही रीको के माध्यम से उद्योगों को 220 करोड़ की राहत देने पर भी मुहर लगा दी.

  • प्रदेश में गहराया हुआ है राजनीतिक संकट
  • फिर भी नहीं डगमगाए मुख्यमंत्री के इरादे
  • कैबिनेट की मीटिंग करके लिए बड़े फैसले
  • कोरोना संकट से प्रभावित लोगों के लिए फैसले
  • गरीबों व असहायों को दी नकदी की राहत
  • 35 लाख जरूरतमंद परिवारों को मिलेंगे 351 करोड़ रूपए
  • एक-एक हजार रूपए की अनुग्रह राशि देने का फैसला
  • लॉकडाउन के दौरान इन परिवारों को 2500 रूपए दिए गए थे
  • एक बार फिर गरीबों की पुकार सुनी गहलोत सरकार ने

प्रदेश में गहराते राजनीतिक संकट के बीच मंगलवार को किसी की निगाहें हाईकोर्ट पर थी, तो किसी की विधानसभा अध्यक्ष के फैसले पर, कोई होटल फेयरमोंट में गहलोत समर्थक विधायकों की अपडेट ले रहा था, तो किसी की नजर बागी हुए सचिन पायलट पर थी, लेकिन इन सबके बीच मुख्यमंत्री गहलोत ने कैबिनेट मीटिंग बुलाकर कई बड़े फैसले ले डाले. गहलोत ने कोविड-19 महामारी के कारण लॉकडाउन से प्रभावित हुए 35 लाख बीपीएल, स्टेट बीपीएल, अंत्योदय तथा भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक जिन्हें सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है तथा निराश्रित, असहाय, स्ट्रीट वेंडर्स सहित जरूरतमंद परिवारों को आर्थिक सम्बल एवं तात्कालिक राहत देने के लिए एक हजार रूपए की अनुग्रह राशि एक बार और देने का महत्वपूर्ण निर्णय किया गया. प्रदेश की आर्थिक स्थिति पटरी पर लाने के लिए उद्योग जगत को भी राहत की छींटे दिए हैं. इसके लिए मुख्यमंत्री ने 220 करोड़ रुपए के राहत पैकेज की घोषणा कर दी. एक नजर डालते हैं गहलोत कैबिनेट के प्रमुख फैसलों पर.

गहलोत कैबिनेट के बड़े फैसले:

  • पर्यटन, कृषि, सहकारिता से जुडे़ फैसले किए गए
  • निवेश प्रोत्साहन स्कीम-2019 के तहत लाभ देने का फैसला
  • पर्यटन, होटल एवं मल्टीप्लेक्स सेक्टर की इकाइयों को तोहफा
  • एक वर्ष के लिए अतिरिक्त लाभ देने के प्रस्ताव को मंजूरी
  • होटल एवं टूर ऑपरेटरों को एसजीएसटी में राहत
  • प्रतिपूर्ति की अवधि को तीन माह से आगे बढ़ाकर एक वर्ष किया
  • रिप्स में पर्यटन सेक्टर अति प्राथमिकता क्षेत्र के रूप में शामिल
  • सेवा शुल्क एवं आर्थिक किराया एकमुश्त जमा कराने का मामला
  • उद्योगों को ब्याज में 100 फीसदी छूट देने का फैसला
  • रीको के माध्यम से 220 करोड़ रूपए के राहत पैकेज की घोषणा
  • विभिन्न श्रेणियों में ब्याज पर छूट देने का भी हुआ फैसला
  • रीको के राहत पैकेज से 29 हजार परिवारों को मिलेगा लाभ
  • सिटी बसों एवं ऑटो रिक्शा का संचालन शुरू होगा
  • सोशल डिस्टेंसिंग सहित अन्य सावधानियों के साथ संचालन का फैसला

गहलोत ने कैबिनेट मीटिंग के दौरान अहम संशोधन करने हुए विधायकों को भी बड़ी राहत दी है. अब विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास निधि में प्रतिवर्ष मिलने वाली सवा दो करोड़ रूपए की राशि में से विधायक आगामी दो वर्ष तक चिकित्सा सुविधाओं के विकास पर प्रतिवर्ष एक करोड़ रूपए तथा शेष सवा करोड़ रूपए स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप विकास कायोर्ं पर खर्च कर सकेंगे. पूर्व में विधायक कोष की सम्पूर्ण राशि दो वर्ष तक चिकित्सा सुविधाओं के विकास पर खर्च करने का निर्णय किया गया था. मंत्रिपरिषद ने इसमें संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है. इस फैसले पर विधायकों ने सीएम गहलोत का आभार जताया है.

विधायकों को दी सीएम गहलोत ने राहत:

  • विधायक अब 1.25 करोड़ रूपए स्थानीय आवश्यकताओं पर खर्च कर सकेंगे
  • प्रतिवर्ष सवा दो करोड़ रुपए मिलते हैं विधायक विकास निधि में
  • अब अगले दो साल तक प्रति वर्ष एक करोड़ चिकित्सा सुविधाओं पर खर्च होंगे
  • सवा करोड़ रुपए स्थानीय आवश्यकताओं पर खर्च कर सकेंगे
  • मंत्रिपरिषद ने इसमें संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया
  • पहले दो वर्ष की विधायक निधि सिर्फ चिकित्सा में खर्च करने का फैसला हुआ था

कैबिनेट बैठक में बताया गया कि कोविड-19 महामारी से मुकाबला करने के लिए राज्य सरकार ने विभिन्न उपायों के तहत जरूरतमंद लोगों को 5500 करोड़ रूपए से अधिक की सहायता प्रदान की है. इसके तहत 854 करोड़ रूपए से करीब 31 लाख जरूरतमंद परिवारों को प्रति परिवार 2500 रूपए की अनुग्रह राशि दी गई. सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं में करीब 4300 करोड़ रूपए का अग्रिम भुगतान कर 79 लाख लोगों को राहत देने जैसे कदम शामिल हैं. वहीं कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति पर विचार-विमर्श करते हुए मंत्रिपरिषद ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि राष्ट्रीय औसत 2.45 प्रतिशत की तुलना में प्रदेश में इस बीमारी से मृत्यु दर 1.87 प्रतिशत ही है. राज्य में कोरोना से निपटने के लिए 27 टेस्टिंग लैब, एक लाख क्वारेंटीन बैड, 43 हजार आईसोलेशन बैड, 880 वेंटीलेंटर, 1700 आईसीयू बैड का मजबूत हैल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया है. राज्य में कोरोना के बेहतर प्रबंधन की सराहना राष्ट्रीय स्तर पर भी की गई है

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