राजस्थान में सियासी ड्रामा अब चरम पर पहुंच चुका है. कांग्रेस ने सचिन पायलट खेमे के दो विधायकों को पार्टी से निकाल बाहर किया है. वहीं पायलट खेमा हाईकोर्ट पहुंच चुका है. इस बीच कई ऑडियो टेप सामने आये हैं, जिसमें ये पता चल रहा है कि किस तरह बीजेपी के नेता बागी कांग्रेस विधायकों के साथ मिल कर अशोक गहलोत की सरकार गिराने की साजिश रच रहे थे. लेकिन इतना कुछ होने के बावजूद भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दावा कर रहे हैं कि वो सचिन पायलट से बिल्कुल भी नाराज नहीं हैं.
एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में अशोक गहलोत ने कहा कि वह कभी भी पायलट के खिलाफ नहीं रहे. राहुल गांधी भी जानते हैं कि जब कभी भी संसदीय बोर्ड की बैठक हुई, मैंने हमेशा युवाओं की पैरवी की है. ये लोग कल का भविष्य हैं. इसके बीच में सीनियर-जूनियर का माहौल बनाना ठीक नहीं है.
गहलोत ने कहा कि जब मैं सांसद बना था तब सचिन पायलट की उम्र 3 साल थी. हमारा उनके घर आना-जाना था. वो वापस आयेंगे तो सबसे पहले मैं उनको प्यार से गले लगाऊंगा. मेरा उनके प्रति बहुत स्नेह है. राजनीति तो राजनीति है. जिस परिवार के साथ 40 साल से व्यक्तिगत संबंध हों, उसे आप समझ सकते हैं.
बता दें कि विधायकों की खरीद फरोख्त संबंधी ऑडियो टेप सामने आने के बाद कांग्रेस ने अपने दो बागी विधायकों भंवरलाल शर्मा और विश्वेंद्र सिंह को पार्टी से निकाल दिया है. उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है. सिर्फ यही नहीं राजस्थान एसओजी ने भंवरलाल शर्मा, संजय जैन और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की है.