राजस्थान की कांग्रेस सरकार को गिराने की कोशिश कर रही बीजेपी और उसकी मदद कर रही बसपा सुप्रीमो मायावती को अदालत से गहरा झटका लगा है. राजस्थान हाईकोर्ट ने बीजेपी विधायक मदन दिलावर की याचिका को खारिज कर दिया है. मदन दिलावर ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सभी 6 विधायकों के कांग्रेस में विलय करने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. अदालत ने इस याचिका को आधारहीन बताया है.
बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री मदन दिलावर की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि राजस्थान विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने कांग्रेस में विलय के लिए बसपा के छह विधायकों को अयोग्य ठहराने की उनकी याचिका पर कोई कार्रवाई नहीं की है. इस मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है.
इस मामले में बसपा ने भी खुद को पार्टी बनाने के लिए याचिका दायर की थी, लेकिन हाईकोर्ट ने उसे भी खारिज कर दिया है. बसपा की अर्जी पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सोमवार को कहा कि जब मदन दिलावर की याचिका ही खारिज हो गई तो पार्टी (पक्षकार) बनने की जरूरत नहीं है.
बता दें कि पिछले साल सितंबर में बसपा के सभी छह विधायकों ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया था. बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने चार महीने पहले स्पीकर सीपी जोशी के पास बसपा विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के खिलाफ शिकायत की थी.
मदन दिलावर ने अपील की थी कि इन 6 विधायकों को दल-बदल कानून के तहत विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया जाये, लेकिन स्पीकर ने कोई कार्रवाई नहीं की. इसके बाद मदन दिलावर हाईकोर्ट पहुंच गये. इस बीच 24 जुलाई को स्पीकर ने शिकायत को निस्तारित कर दिया. इस वजह से हाईकोर्ट में अर्जी खारिज हो गई.
हाईकोर्ट के इस फैसले से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बड़ी राहत मिली है, जो अपनी सरकार बचाने की पूरी जद्दोजेहद कर रहे हैं. मायावती ने बसपा विधायकों का मुद्दा उठा कर उन्हें गहरी मुसीबत में डाल दिया था, लेकिन अदालत के फैसले ने उन्हें एक बड़ी ताकत मिल गई है.