राजस्थान के सियासी संकट को लेकर हाईकोर्ट से बड़ी खबर मिल रही है. सचिन पायलट कैंप की ओर से दायर संशोधित याचिका पर संभवत: आज सुनवाई नहीं होगी. इस मामले पर अब डिविजन बेंच में कल सुनवाई होगी. सीजे इंद्रजीत महांति-जस्टिस प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ में सुनवाई होगी. इससे पहले सचिन पायलट गुट की ओर से दायर याचिका डबल बेंच 1 में रेफर कर दी गई है. आपको बता दें कि सचिन पायलट की याचिका पर दोबारा सुनवाई शुरू हुई थी. जस्टिस सतीश कुमार शर्मा की सिंगल बैंच में सुनवाई हुई. पायलट कैंप की ओर से संशोधित याचिका पेश की गई. पायलट कैंप की वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे पैरवी कर रहे है. एडवोकेट साल्वे ने कहा कि संशोधन स्वीकार किया जा सकता है.
संशोधन याचिका पर हरीश साल्वे-अभिषेक मनु सिंघवी के बीच बहस हुई. अभिषेक मनु सिंघवी ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि बिना आधार के याचिका को कैसे स्वीकार किया जा सकता है. महाधिवक्ता एमएस सिंघवी ने याचिका का विरोध किया. अपराह्न 4.15 बजे अर्जी दायर की कैसे सुनवाई की जा सकती है? याचिका को स्वीकर करते हुए मामला डिविजन बैंच-1 में रैफर कर दिया गया. डिविजन बैंच आज शाम 7:30 बजे याचिका पर सुनवाई कर सकती है.
इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस के खिलाफ दायर याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई फिलहाल टल गई थी. अभिषेक मनु सिंघवी ने गहलोत सरकार की ओर से पैरवी की. एडवोकेट हरीश साल्वे के तर्क को अभिषेक मनु सिंघवी ने नकारा. कहा कि अमेंडमेंट की अर्जी अभी तक पेश नहीं हुई. हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई समाप्त हुई. एडवोकेट हरीश साल्वे को अमेंडमेंट अर्जी पेश करने का समय दिया गया. आपको बता दें कि राजस्थान का सियासी संकट राजस्थान हाईकोर्ट पहुंच गया है. पायलट कैंप की ओर से हाईकोर्ट में याचिका पर दायर की गई है.
जिस पर जस्टिस सतीश कुमार शर्मा की अदालत में सुनवाई हुई. मुख्य सचेतक डॉ.महेश जोशी की ओर से अजीत भंडारी ने पक्ष रखा. पायलट की ओर से एडवोकेट हरीश साल्वे ने बहस करते हुए कहा कि सदन से बाहर हुई कार्यवाही के लिए स्पीकर नोटिस जारी नहीं कर सकते है. विधायकों को जारी नोटिस की संवैधानिक वैधता नहीं है.
नोटिस को किया जाए रद्द और अवैधानिक घोषित किया जाये. इस मामले पर सुनवाई पूरी हुई. हरीश साल्वे को अमेंडमेंट अर्जी पेश करने का समय दिया है. पायलट और अन्य की ओर याचिका में संशोधन की बात की गई आज सुनवाई हो सकती है. मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांति समय और तारीख तय करेंगे. खंडपीठ में याचिका को पेश करना चाहते है.