राजस्थान में महीने से चल रहे राजनीतिक उथल पुथल के बीच अब नया मोड़ सामने आया है। बदलते घटनाक्रम में अब प्रदेश की विपक्षी पार्टी भाजपा को अपनी पार्टी में ही टूट का डर सताने लगा है। यही कारण है कि पार्टी ने अपने 12 विधायकों को राजस्थान से निकालकर गुजरात भेज दिया है। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे से ही भाजपा को खतरा पैदा हो गया है। राजे इन दिनों दिल्ली में पार्टी के बड़े नेताओं के साथ मुलाकात कर रही हैं।
शनिवार को छह बीजेपी विधायक पोरबंदर पहुंचे। यहां पहुंचने के बाद विधायक निर्मल कुमावत ने कहा, ‘राजस्थान में बहुत सारी राजनीतिक गतिविधियां हो रही हैं। सीएम अशोक गहलोत के पास बहुमत नहीं है और सरकार भाजपा विधायकों को मानसिक रूप से परेशान कर रही है।
इन परिस्थितियों में, हमारे छह विधायक सोमनाथ मंदिर में दर्शन करने आए हैं।’
भाजपा विधायक ने आगे कहा कि जल्दी ही हमारे साथ और भी विधायक जुड़ेंगे। राजस्थान में कांग्रेस सरकार हमें उनके पक्ष में मतदान करने के लिए दबाव डाल रही है। हम अगले दो दिनों तक यहां रहेंगे।
गौरतलब है कि राजस्थान में 14 अगस्त से विधानसभा का नया सत्र शुरू होने वाला है। ऐसे में स्थानीय मीडिया के अनुसार भाजपा अपने विधायकों की तालाबंदी कर सकती है। इस दौरान पार्टी अपने विधायकों के होटलों में रहने का इंतजाम कर सकती है।
उधर, भाजपा के लिए राजस्थान में एक और नई मुसीबत खड़ी हो सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मोदी-शाह से नाराजगी की वजह से भाजपा नेता और प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री अपनी नई पार्टी बना सकती हैं। ऐसी अटकलें हैं कि राजे इस वक्त पार्टी से नाराज चल रही हैं और भाजपा के 46 विधायकों को साथ लेकर नई पार्टी का एलान कर सकती हैं।
कहा जा रहा है कि इस बार राजे राजस्थान भाजपा की ओर से जारी की गई प्रदेश पदाधिकारियों की ताजा सूची से नाराज हैं। इस सूची में वसुंधरा के करीबियों को कम और विरोधी खेमे के लोगों को अधिक पदों पर नियुक्त किया गया है।
लंबे समय से ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा हाईकमान वसुंधरा राजे से नाराज है और प्रदेश में उनकी जगह किसी और को नेतृत्व देना चाहता है। इतना ही नहीं मोदी और शाह की जोड़ी भी वसुंधरा राजे से नाखुश बताई जा रही है। हालांकि इन सबके बावजूद राजे के साथ भाजपा नेताओं का बड़ा समर्थन होने की वजह से पार्टी को हर बार उनके सामने झुकना पड़ा है।
उधर, इन सब अटकलों और कयासों के बीच वसुंधरा राजे ने दिल्ली में भाजपा नेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की और राजनीतिक हालात पर चर्चा की। एक दिन पहले उन्होंने जेपी नड्डा से मुलाकात की थी।