कांग्रेस पार्टी में बदलाव को लेकर लंबे समय से अटकलें लगाई जा रही थी। इस बीच कार्य समिति के बैठक में उथल-पुथल होने के बाद एवं पुनः अंतरिम अध्यक्ष के रूप में सोनिया गांधी के चुने जाने के बाद कांग्रेस ने बड़ा संगठनात्मक फेरबदल किया गया है। और पार्टी ने अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिवों और प्रभारियों की सूची जारी की है।
कांग्रेस ने पार्टी संगठन में बड़ा फेरबदल करते हुए गुलाम नबी आजाद समेत चार वरिष्ठ नेताओं को महासचिव की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया और पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) का भी पुनर्गठन किया।
पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक, आजाद, मोतीलाल वोरा, अंबिका सोनी और मल्लिकार्जुन खड़गे को महासचिव पद से मुक्त किया गया है। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक, आजाद, मोतीलाल वोरा, अंबिका सोनी और मल्लिकार्जुन खड़गे को महासचिव पद से मुक्त किया गया है।
गौरतलब है कि सोनिया गांधी को संगठनात्मक बदलाव के लिए पत्र लिखने वाले 23 नेताओं में शामिल आजाद को महासचिव पद से हटाने के साथ ही सीडब्ल्यूसी में स्थान दिया गया है। पार्टी ने पत्र विवाद की पृष्भूमि में 24 अगस्त को हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में बनी सहमति के मुताबिक छह सदस्यीय एक विशेष समिति का गठन किया है।
यह समिति पार्टी के संगठन एवं कामकाज से जुड़े मामलों में सोनिया गांधी का सहयोग करेगी। इस विशेष समिति में एके एंटनी, अहमद पटेल, अंबिका सोनी, केसी वेणुगोपाल, मुकुल वासनिक और रणदीप सिंह सुरजेवाला शामिल हैं। सुरजेवाला और तारिक अनवर को पार्टी के नए महासचिव नियुक्त किया गया है।
गुलाम नबी आजाद को महासचिव पद से हटाने के साथ ही सीडब्ल्यूसी में स्थान दिया गया है। पार्टी ने पत्र विवाद की पृष्भूमि में 24 अगस्त को हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में बनी सहमति के मुताबिक छह सदस्यीय एक विशेष समिति का गठन किया है। यह समिति पार्टी के संगठन एवं कामकाज से जुड़े मामलों में सोनिया गांधी का सहयोग करेगी।
सोनिया गांधी ने पार्टी मामलों में अपनी मदद के लिए विशेष समिति गठित की जिसमें ए के एंटनी, अहमद पटेल और अंबिका सोनी शामिल हैं। संगठन से जुड़े मामलों में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की मदद के लिए विशेष समिति में केसी वेणुगोपाल, मुकुल वासनिक, रणदीप सुरजेवाला भी शामिल होंगे।
इसके साथ ही पार्टी ने विभिन्न प्रदेशों के प्रदेश प्रभारियों में भी फेरबदल किया है। सिर्फ झारखंड के प्रभारी आरपीएन सिंह, गुजरात के प्रभारी राजीव सातव और बिहार एवं दिल्ली के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल को अपने-अपने राज्यों के प्रभारी के रूप में पहले जैसा ही रहने दिया गया है।