मोदी सरकार की तरफ से खेती-किसानी से जुड़े तीन विधेयकों के खिलाफ दो दर्जन से ज्यादा किसान संगठनों ने 25 सितंबर के ‘बंद’ का समर्थन किया है विधेयक के विरोध में 18 विपक्षी पार्टियां भी हैं, अब संसद के बाद विधेयक का विरोध सड़क पर जोर पकड़ने लगा है।
यही मांग 18 विपक्षी पार्टियां भी बुधवार को राष्ट्रपति से मिलकर उठा चुकी हैं. उन्होंने राष्ट्रपति से इन विधेयकों को पुनर्विचार के लिए सदन को वापस भेज देने का अनुरोध किया है।
किसान संगठनों ने किसानों से विधेयकों के खिलाफ खुलकर आगे आने की अपील की है, जैसा कि भारतीय किसान यूनियन ने कहा है कि “25 सितंबर को किसानों का कर्फ्यू रहेगा, चक्का जाम किया जाएगा और जब तक कानून में एमएसपी के मुताबिक उपज खरीदे जाने की गारंटी नहीं दी जाएगी, तब तक आंदोलन चलता रहेगा.”
हाल ही में संसद से पास तीन कृषि विधेयकों के विरोध में किसान संगठनों ने शुक्रवार को देशव्यापी आंदोलन का आह्वान किया है। हालांकि आंदोलन का ज्यादा असर पंजाब और हरियाणा में दिख रहा है। कई दिनों से सड़क पर प्रदर्शन कर रहे पंजाब के किसान बृहस्पतिवार को रेल ट्रैक पर बैठ गए हैं। रेल रोको आंदोलन को देखते हुए रेलवे ने शनिवार तक 20 विशेष ट्रेनें आंशिक रूप से रद्द और पांच को गंतव्य से पहले रोक दिया है। वहीं, हरियाणा में किसानों-आढ़तियों ने राजमार्ग जाम करने की चेतावनी दी है। उधर, यूपी में सपा ने किसान कर्फ्यू और जाम का आह्वान किया है। पंजाब में किसान मजदूर संघर्ष समिति तीन दिन तक रेल रोको आंदोलन करेगी, जिसे अन्य किसान संगठनों ने भी समर्थन दिया है।
किसान संगठनों के इस हल्लाबोल को देखते हुए तैयारी भी की जा रही है. किसानों के आह्वान को देखते हुए राजधानी दिल्ली की सीमा पर अभी से तैयारी शुरू कर दी गई है. किसानों को रोकने के लिए दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर सील करने के तैयारी है हालांकि गुरुवार को दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर यातायात एकदम सामान्य रहा. वहीं पंजाब में कुछ ट्रेनें रद्द की गई हैं. यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर फिरोजपुर रेलवे डिवीजन ने 26 सितंबर तक विशेष ट्रेनों का परिचालन रद्द करने का फैसला किया है. इस फैसले के तहत जिन ट्रेनों को निलंबित किया गया है उनमें स्वर्ण मंदिर मेल (अमृतसर-मुंबई सेंट्रल), जन शताब्दी एक्सप्रेस (हरिद्वार-अमृतसर), नई दिल्ली-जम्मू तवी, सचखंड एक्सप्रेस (नांदेड़-अमृतसर) और शहीद एक्सप्रेस (अमृतसर-जयनगर) शामिल हैं.