अपनी चुटीले बयानों और कटाक्ष भरे ट्वीट से बड़े-बड़े दिग्गजों के बोलती बंद कर देने वाले कांग्रेस के स्टार प्रचारक नवजोत सिंह सिद्धू लोकसभा चुनाव के बाद अधिकांश समय पर चुप ही नजर आते हैं। उनकी और कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह में अक्सर मतभेद नजर आता है जसीके बाद सिद्धू अधिकांश मौके पर चुप ही रहने लगे।
लेकिन 14 महीने बाद सिद्धू फिर एक बार ट्विटर पर सक्रिय हो गए हैं। ट्विटर पर लौटते ही पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने मोदी सरकार पर हमला बोला है।
एक साल से किसानों समेत अन्य मुद्दों पर मौन धारण करने वाले सिद्धू ने लोकसभा में परित हुए कृषि विधेयकों को लेकर केंद्र सरकार को अपने निराले शायरना अंदाज में घेरा है।
सिद्धू ने एक के बाद एक दो ट्वीट किए। पहले ट्वीट में सिद्धू लिखा कि सरकारें तमाम उम्र यही भूल करती रही, धूल उनके चेहरे पर थी, आईना साफ करती रही…
दूसरा ट्वीट उनके ट्विटर वॉल पर पंजाबी में लिखा है। जिसमें सिद्धू ने लिखा है कि किसान पंजाब की आत्मा है… शरीर के घाव ठीक हो सकते हैं, लेकिन आत्मा के घाव को ठीक नहीं किया जा सकता है। उन्होंने इसमें आगे लिखा हमारे अस्तित्व पर हमला बर्दाश्त नहीं है। युद्ध का बिगुल बजाते हुए क्रांति को जीने का काम करो…पंजाब, पंजाबी और हर पंजाबी किसान के साथ है…।
केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि से जुड़े विधेयकों का पंजाब में काफी विरोध हो रहा है। किसानों और व्यापारियों को इससे एपीएमसी मंडियां समाप्त होने की आशंका है। यही कारण है कि प्रदेश के प्रमुख राजनीतिक दलों ने कृषि विधेयकों का विरोध किया है। इतना नहीं अकाली दल की नेता केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कृषि से जुड़े विधेयकों के विरोध करते हुए मोदी मंत्रीमंडल से इस्तीफा तक दे दिया है। उनके इस्तीफे को पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नौटंकी करार दिया है क्योंकि हरसिमरत कौर की पार्टी अकाली दल अभी भी केंद्र सरकार की सहयोगी बनी हुई है।
उधर, पंजाब और हरियाणा में किसानों का आंदोलन तेज हो गया है। किसान इस बिल को वापस लेने की मांग कर रहे है। किसानों को डर है कि नए किसान कानून से उन्हें फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल सकेगा।