उपचुनावो से पहले बीजेपी को एक और झटका, सांवेर मे कमलनाथ की उपस्थिति में सैकडो बीजेपी कार्यकर्ताओ ने थामा कांग्रेस का दामन

मध्य प्रदेश की 27 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में जीत का परचम फहराने के लिए कमलनाथ हरसंभव कोशिश में जुटे हैं. कमलनाथ सूबे में बीजेपी के हार्ड हिंदुत्व के जवाब में कांग्रेस को सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर लेकर पहले से ही चल रहे थे, लेकिन अब तो दो कदम आगे बढ़ते हुए भगवा का भी सहारा लेना शुरू कर दिया है. कमलनाथ इंदौर पहुंचे तो पूरी तरह से भगवा रंग में रचे-बसे नजर आए.

कमलनाथ रविवार को इंदौर जिले की सांवेर विधानसभा क्षेत्र में प्रेमचंद गुड्डू के प्रचार के लिए पहुंचे थे. सांवेर में कमलनाथ की सभा हुई, जिसमें बीजेपी के महंत संदीप शर्मा सैंकड़ो कार्यकर्ताओ के साथ कांग्रेस में शामिल हुए. जनसभा से ठीक पहले इंदौर से सांवेर तक कांग्रेस ने एक रैली निकली

यह रैली पूरी तरह से भगवा रंग में रंगी रही. हरेक मोटर साइकिल पर भगवा लहराता रहा. भगवाधारी दोपहिया वाहनों के पीछे कांग्रेस के झंडे लगे अन्य दो-पहिया और चार पहिया वाहन दौड़ते रहे.

दरअसल, पिछले दिनों बीजेपी नेता तुलसी सिलावट के सहयोगियों ने सांवेर को भगवा रंग में रंगा था. नर्मदा कलश यात्रा के नाम पर सिलावट और बीजेपी ने सैकड़ों भगवाधारी महिलाओं का जुलूस निकाला था. ऐसे में कांग्रेस ने कमलनाथ के स्वागत में इंदौर से सांवेर तक भगवा का रंग चढ़ा दिया. बीजेपी की नर्मदा कलश यात्रा का जवाब कांग्रेस की भगवा यात्रा मानी जा रही है.

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता उमेश शर्मा ने कांग्रेस के सॉफ्ट हिंदुत्व पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस में फिलहाल हिंदुत्व दिखाई दे रहा है वो सॉफ्ट हिंदुत्व नहीं है बल्कि पार्ट टाइम हिंदुत्व है. यह सिर्फ उपचुनाव के चलते सामने आया है, जो अवसरवादी लक्षण है. कांग्रेस हिंदुत्व के मामले में दोहरे मापदंड अपनाती है. सोनिया गांधी, राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह का हिंदुत्व अलग है और कमलनाथ का हिंदुत्व अलग है. बीजेपी नेता ने कांग्रेस और कमलनाथ पर तंज कसते हुए कहा कि सांवेर में भगवा लहराने से बीजेपी खुश है और उम्मीद करती है कि कांग्रेस पार्टी सदैव हिंदू धर्म और सनातन धर्म के प्रति आस्था का भाव रखे.

वहीं, कांग्रेस नेता सदाशिव यादव ने कहा कि बीजेपी अभी तक आरोप लगाती रही है कि स्वर्ण वोटर्स कांग्रेस के साथ नहीं है, लेकिन जल्द ही सभी वर्गो के लोग धीरे धीरे कर कांग्रेस से जुड़ रहे हैं. इसे धर्म से जोड़कर नहीं देखते हैं बल्कि व्यक्तिगत मामला होता है. कांग्रेस धर्म की राजनीति नहीं करती है. पूर्व सीएम कमलनाथ की अटूट आस्था भगवान हनुमान पर है ऐसे में बीजेपी को इससे क्यो परेशानी हो रही है?

बता दें कि 2018 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने रणनीति बदली थी. कमलनाथ ने पार्टी की बागडोर संभालते हुए सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर कदम बढ़ाया था. कांग्रेस के 2018 के संकल्प पत्र में सॉफ्ट हिंदुत्व की छाप नजर आई थी. संकल्प पत्र में मध्य प्रदेश का राम वन गमन पथ से लेकर गौशाला और मंदिर के रख रखाव तक शामिल थी. हाल ही में राम मंदिर के भूमि पूजन के दौरान भी कमलनाथ ने स्वागत ही नहीं बल्कि 11 चांदी की ईट भेजना का ऐलान किया था.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here