हाथरस गैंगरेप मामले को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने एक वीडियो मैसेज जारी किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार आखिर क्या कर रही थी. कई दिनों तक पीड़ित परिवार की आवाज को नहीं सुना गया और समय पर बच्ची को सही इलाज नहीं दिया गया।
सोनिया गांधी ने अपने वीडियो मैसेज में
योगी सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि आखिर सरकार इतने दिनों तक क्या कर रही थी।
उन्होंने पुलिस प्रशासन पर केस दबाने और देरी से इलाज कराने को लेकर भी आरोप लगाए. सोनिया ने कहा,
आज देश के करोड़ों लोग गुस्से में हैं. हाथरस की लड़की के साथ जो हैवानियत की गई वो हमारे समाज के लिए एक कलंक है क्या लड़की होना गुनाह है?
यूपी सरकार क्या कर रही थी? हफ्तों तक पीड़ित परिवार की न्याय की पुकार को नहीं सुना गया पूरे मामले को दबाने की कोशिश की गई. समय पर बच्ची को सही इलाज नहीं दिया गया मैं कहना चाहती हूं कि हाथरस की निर्भया की मृत्यु नहीं हुई है, उसे एक निष्ठुर सरकार और उसके प्रशासन द्वारा मारा गया है।
मरने के बाद मिट्टी भी नसीब नहीं होने दी
सोनिया गांधी ने मरने के बाद पीड़िता के शव का आधी रात को हुए दाह संस्कार का भी जिक्र किया और कहा कि जीते जी तो उसकी सुनवाई नहीं हुई, लेकिन मरने के बाद भी उसके साथ ऐसा व्यवहार किया गया।
जब वो जिंदा थी तो उसकी सुनवाई नहीं हुई, उसकी रक्षा नहीं हुई लेकिन मृत्यु के बाद उसे उसके घर की मिट्टी और हल्दी भी नसीब नहीं होने दी उसे उसके परिवार को नहीं सौंपा गया एक रोती बिलखती मां को अपनी बेटी को आखिरी बार विदा भी नहीं करने दिया गया ये घोर पाप है।
जोर जबरदस्ती करके लड़की की लाश जला दी गई. मरने के बाद भी इंसान की एक गरिमा होती है. हमारा हिंदू धर्म उसके बारे में भी कहता है. लेकिन इस बच्ची को अनाथों की तरह पुलिस की ताकत के जोर से जला दिया गया. ये कैसा न्याय है, ये कैसी सरकार है? आपको लगता है कि आप कुछ भी करते रहेंगे और देश देखता रहेगा, बिल्कुल नहीं. देश बोलेगा, आपके अन्याय के खिलाफ. मैं कांग्रेस पार्टी की तरफ से हाथरस के पीड़ित परिवार की न्याय की मांग के साथ खड़ी हूं. भारत सबका देश है, यहां सबको इज्जत की जिंदगी जीने का अधिकार है. उन्होंने कहा हम बीजेपी को संविधान और देश नहीं तोड़ने देंगे।
हाथरस मामले में सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल दायर हुई है. इस याचिका में पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की गई है. साथ ही मामले का ट्रायल यूपी से दिल्ली ट्रांसफर करने की भी मांग है. ये याचिका एस दुबे ने दाखिल की है।