सुरखी विधानसभा सीट हमेशा से ही सुर्खियों में रहती आयी है, माना जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ दो विधानसभा उपचुनाव की सीटों पर व्यक्तिगत रुचि ले रहे हैं क्योंकि उनका मानना है कि लोकतंत्र के इस चीरहरण के सूत्रधार तुलसी सिलावट और गोविंद राजपूत ही रहे, ऐसे हाल में कमलनाथ की व्यक्तिगत रुचि सांवेर और सुरखी विधानसभा सीट पर है ।
कल सुरखी उपचुनाव प्रत्याशी पारुल साहू के पक्ष में आमसभा करने आये पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के समक्ष कल भाजपा का गढ़ माना जाने वाले क्षेत्र चंद्रपुर, गोविंद राजपूत का प्रमुख वोट बैंक वाला क्षेत्र झिला, बासोड़ा और रजवांस के 500 से अधिक भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव श्रीराम पाराशर के नेतृत्व में कमलनाथ की मौजूदगी में कांग्रेस का दामन थाम लिया, पाराशर नब्बे के दशक में राजीव गांधी के बेहद करीबी माने जाते थे, अब कमलनाथ ने अपने ओल्डगॉर्ड पर भरोसा जताते हुए पाराशर को सबसे मुश्किल क्षेत्र में तैनात किया और पाराशर अपनी भूमिका सही रूप से निभाते नजर आए, खैर किसी भी चुनाव में चार चरण आते हैं और अभी सुरखी का चुनाव अपने दूसरे चरण में है इसलिए देखना दिलचस्प होगा कि कमलनाथ के सिपाही इस दौर को जारी रख पाएंगे या फिर सिंधिया के सैनिक हावी रहेंगे, अब तक के हालातों में तो कांग्रेस प्रतिदिन मज़बूत होती दिखाई पड़ रही है ।