इन दिनों कांग्रेस में फिर एक बार नेतृत्व परिवर्तन, संगठन में बदलाव की मांग और आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति तेज है। इसी बीच कांग्रेस के कद्दावर नेता और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने तल्ख टिप्पणी करते हुए ऐसे नेताओं को फटकार लगाया है जो आंतरिक मुद्दों को सार्वजनिक तौर पर रख रहे हैं।
दरसल कांग्रेस का बिहार विधानसभा चुनाव में कमजोर प्रदर्शन होने के बाद पार्टी के दिग्गज और वरिष्ठ नेताओं ने प्रदर्शन को लेकर काफी तल्ख बयानबाजी की है जिसके बाद अमरिंदर सिंह ने कहा कि पार्टी के आंतरिक मुद्दों को सार्वजनिक तौर पर सामने नहीं लाना चाहिए।
कैप्टन ने कहा कि पार्टी के अंदर चल रहे मुद्दों को पब्लिक में नहीं लाना चाहिए, अगर आप ऐसा करते हैं तो आप पार्टी छोड़ सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस के भीतर लोकतंत्र की कमी के आरोपों को खारिज भी किया।
पार्टी में लोकतंत्र की कमी को लेकर लगते आरोपों को नकारते हुए पंजाब सीएम सिंह ने कहा कि पार्टी के नेता और कार्यकर्ता अपनी शिकायतें पार्टी प्रमुख या कार्य समिति के सामने रखने के लिए स्वतंत्र हैं।
अमरिंदर सिंह ने कहा कि अगर आप कांग्रेसी हैं तो आप पार्टी अध्यक्ष या कांग्रेस कार्यसमिति के पास पार्टी की कार्यशैली को लेकर अपनी शिकायतें लेकर जा सकते हैं, लेकिन सार्वजनिक तौर पर इसे सामने नहीं लाना चाहिए। इस बारे में उन्होंने एक बयान के दौरान कहा कि उन्हें यह सीख पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से मिली थी, जब वह कांग्रेस के सांसद थे।
इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद ने बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद कहा था कि कांग्रेस के नेता आम लोगों से पूरी तरह से कटे हुए हैं और पार्टी में ‘पांच सितारा संस्कृति’ घर कर गई है।
गुलाम नबी आजाद ने चुनावी हार के लिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को नहीं बल्कि जनता के साथ पार्टी संगठन के संपर्क में कमी को जिम्मेदार बताया। आजाद उन 23 नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने प्रमुख पदों पर चुनावों और पार्टी में संगठनात्मक बदलाव की मांग को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अगस्त में पत्र लिखा था।