संसदीय समिति के चैयरमैन ने LAC के सैनिकों का मुद्दा उठाने से रोका तो राहुल गांधी ने मीटिंग से किया वाकआउट, पूर्व सैनिक ने की राहुल की तारीफ

रक्षा मामलों की संसदीय समिति की बैठक के बीच मे ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी समेत अन्य नेताओं ने बैठक से वाकआउट कर लिया।

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि ये बैठक मात्र समय की बर्बादी थी और उससे ज्यादा कुछ नहीं। राहुल गाँधी ने कहा कि इस समिति का काम ये होना चाहिए कि सेना के जवानों की बेहतरी के लिए सरकार को क्या करना चाहिए, कैसे हम उनके लिए कुछ बेहतर कर सकते हैं, मगर ये समिति इस बात से ज्यादा आर्मी के ड्रेस पर चर्चा कर रही है जो कि सेना के बड़े अफसर करे तो ज्यादा अच्छा रहे।

मीटिंग को लेकर राहुल गांधी ने आरोप लगाए कि न तो उन्हें और न ही अन्य कांग्रेस सांसदों को चर्चा के दौरान बोलने का मौका दिया गया।

राहुल गांधी ने लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध मामले पर कहा कि समिति की सारी चर्चा सैनिकों की वर्दी को लेकर हुई न कि इस बात पर कि सैनिकों को टकराव की स्थिति में हम क्या सुविधाएं उपलब्ध करा सकते हैं।

मिली जानकारी के अनुसार बैठक में जब चीफ ऑफ डिफेंस बिपिन रावत कमिटी को सेना के यूनीफॉर्म के बारे में जानकारी दे रहे थे तब राहुल गाँधी ने बीच में हस्तक्षेप करते हुए कहा – “सेना की यूनीफॉर्म तय करने वाले हम कौन होते हैं? यह सशस्त्र बलों को तय करने दीजिए.”

जब राहुल ने हस्तक्षेप करके बोलना शुरू किया तो पैनल के अध्यक्ष ने कहा कि वह श्री राहुल को इस बारे में बोलने की अनुमति नहीं देंगे। इसके बाद गर्म नोकझोंक हुई राहुल गाँधी मीटिंग से बाहर आ गए. उनके पीछे – पीछे कांग्रेस पार्टी के अन्य सदस्य भी बाहर आ गए।

इसके पहले, चर्चा के दौरान भाजपा के 2 सांसदों ने कहा कि भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के लिए अमेरिकी सैन्य पोशाक शैली को अपनाना चाहिए। राहुल गाँधी ने चर्चा को टोकते हुए कहा कि “वरिष्ठ रक्षा अधिकारी इस बैठक में मौजूद हैं. भारतीय सशस्त्र बलों के द्वारा निर्णय लिया जाना चाहिए कि भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना की पोशाक या वर्दी कैसी होगी क्योंकि प्रत्येक भारतीय सशस्त्र बल, उनकी इकाइयों और वर्दी का एक शानदार अतीत और इतिहास रहा है.”

राहुल गांधी के इस रवैया पर बीजेपी के नेता हैरान रह गए और उन्होंने बाद में राहुल की मंशा पर सवाल उठाए। सेना की वर्दी और रैंक को लेकर मीटिंग में कोई फैसला न होने पर जनरल रावत भी नाखुश दिखे।

पूर्व सैन्य अधिकारी ने राहुल गांधी के इस तरह से सवाल करने और मुद्दा पर नही बोलने देने पर मीटिंग छोड़ देने के फैसले का तारीफ किया।

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