एक प्रधानमंत्री जब अपने विपक्षी दल के द्वारा शासित राज्य के सरकार को गिराने के लिए हथकंडा अपनाता है तो यह कहीं ना कहीं प्रधानमंत्री पद और भारतीय लोकतंत्र के गरिमा के खिलाफ है और यह निश्चित रूप से शर्मनाक है।
मध्यप्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को गए के करीब 1 साल हो गए हैं। लेकिन इसे गिराने में किन लोगों की भूमिका थी इस पर हमेशा चर्चा होता रहता है।
अब यह स्पष्ट हो गया है कि इस सरकार को गिराने और फिर एक बार जनता द्वारा नकारी गई शिवराज सिंह सरकार को सत्ता में बैठाने के लिए देश के प्रधानमंत्री ने हथकंडा अपनाया था।
दरसल केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को लेकर चल रहे किसानों के विरोध के बीच मध्यप्रदेश में भाजपा इन कानूनों की खूबियां गिनाने के लिए किसान सम्मेलनों का आयोजन कर रही है। इसी क्रम में यहां भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने बड़ा रहस्योद्घाटन किया।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की कमल नाथ सरकार को गिराने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुख्य भूमिका थी।
विजयवर्गीय के इस बयान पर कांग्रेस ने कहा कि आखिरकार कमल नाथ सरकार गिराए जाने का सच सामने आ ही गया।
इस सम्मेलन में विजयवर्गीय ने कहा, पर्दे के पीछे की एक बात बता रहा हूं। आप किसी को बताना मत, मैंने आज तक किसी को नहीं बताई, पहली बार इस मंच पर बता रहा हूं कि कमल नाथ की सरकार गिराने में यदि किसी की महत्वपूर्ण भूमिका थी तो नरेंद्र मोदी की थी, धर्मेद्र प्रधान की नहीं थी।
विजयवर्गीय के बयान को ट्वीट करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा, कैलाश विजयवर्गीय अब खुद अपने मुंह से कह रहे हैं कि कमल नाथ सरकार गिराने में मुख्य भूमिका नरेंद्र मोदी जी की थी।
कांग्रेस तो शुरू से ही यह बात कह रही है, लेकिन भाजपा कमल नाथ सरकार गिरने का कारण कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई बताकर झूठ बोलती आई है, सच पर पर्दा डालती आई है, लेकिन आज सच उनकी जुबान पर आ ही गया।
अगर राजनीतिक दलों के आरोपों से हटकर भी बात किया जाए तो ये भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए खतरा है कि देश का प्रधानमंत्री जनता द्वारा चुनी गई राज्य सरकारों को गिराने की साजिश कर रहा है।