केरल में हुए स्थानीय निकाय के चुनाव के परिणाम आज आ रहे हैं। इस परिणाम में केरल की सत्तारूढ़ पार्टी और केरल के मुख्य विपक्षी पार्टी में मुख्य मुकाबला देखने को मिल रहा है।
केरल की सत्तारूढ़ लेफ्ट की अगुवाई वाली LDF जहां सबसे बड़ी पार्टी बनती हुई दिख रही है तो वहीं कांग्रेस की अगुवाई वाली UDF दूसरे नंबर पर है जबकि भाजपा की अगुवाई वाली NDA तीसरे नंबर पर है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट को 522 सीटें मिल रही हैं, यूनाइडेट डेमोक्रेटिक फ्रंट को 363 और एनडीए को कुल 23 सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं। इसके अलावा अन्य के खाते में 32 सीटें पहुंचती नजर आ रही हैं।
अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यह निकाय चुनाव काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इससे राज्य में सभी दलों की जमीनी पकड़ का अंदाजा लगाया जा सकता है।
केरल में छह नगर निगमों, 941 ग्राम पंचायतों, 14 जिला पंचायतों और 87 नगरपालिकाओं समेत 1200 स्थानीय स्वशासी निकायों में कुल 21,893 वार्ड के लिए तीन चरणों में आठ, 10 और 14 दिसंबर को चुनाव हुआ था।
केरल में 152 ब्लॉक पंचायतें हैं जिनमें एलडीएफ को 108 सीटें और यूडीएफ को 44 मिलती दिख रही हैं।
इसके अलावा जिला पंचायत में एलडीएफ को 10 और यूडीएफ को 4 सीटे मिलती दिखाई दे रही हैं।
चुनाव आयोग के मुताबिक पहले चरण में 73.12 प्रतिशत, दूसरे चरण में 76.78 प्रतिशत और तीसरे चरण में 78.64 प्रतिशत मतदान हुआ।
वर्ष 2015 में सत्तारूढ़ वाम मोर्चे ने 549 ग्राम पंचायतों, 90 ब्लॉक पंचायतों, 44 नगरपालिकाओं और चार निगमों में जीत हासिल की थी। जिला पंचायत स्तर पर यूडीएफ और एलडीएफ, दोनों को सात-सात सीटों पर जीत मिली थी। भाजपा ने तिरुवनंतपुरम निगम और पलक्कड़ नगरपालिका में अच्छा प्रदर्शन किया था।
अंतिम नतीजा आने तक ये साफ हो पाएगा कि NDA ने कांग्रेस की अगुवाई वाली UDF को नुकसान पहुंचाया है या लेफ्ट की अगुवाई वाली LDF को।