संसद में मौन रहना पसंद करते हैं PM मोदी, मनमोहन सिंह के तुलना में 50% बार ही किया संसद को सम्बोधित

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अधिक बोले जाने और डॉ मनमोहन सिंह के कम बोले जाने को लेकर अक्सर चर्चा होती है मगर एक रिपोर्ट के अनुसार संसद में प्रधानमंत्री मोदी से अधिक डॉ मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री रहते बोला है।

अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस के एक रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी अपने छह साल के कार्यकाल के दौरान संसद को अबतक सिर्फ 22 बार ही संबोधित किया है।

इस रिपोर्ट के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने दस साल के कार्यकाल के दौरान संसद को 48 बार संबोधित किया था।

मनमोहन सिंह के 48 बार सम्बोधित करने पर तत्कालीन गुजरात के सीएम रहे नरेंद्र मोदी ने उन्हें ‘मौन मोहन’ कहा था।

इस रिपोर्ट के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने छह सालों में 77 बार संसद को संबोधित किया था। जबकि डॉ मनमोहन सिंह ने दस सालों में 48 बार संसद को संबोधित किया था।

इस रिपोर्ट के अनुसार क़रीब दो साल के लिए पीएम रहे एचडी देवगौड़ा ने पीएम मोदी से ज्यादा बार संसद को संबोधित किया था।

रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि संसद को नजरअंदाज करके मोदी सरकार लगातार अध्यादेश का रास्ता अपनाती है। मनमोहन सरकार की तुलना में मोदी सरकार हर साल औसतन 11 अध्यादेश लेकर आई। वहीं मनमोहन सरकार हर साल औसतन 6 अध्यादेश लेकर आती थी। मोदी सरकार में संसदीय समिति में भी बिल भेजने की रवायत कम हो गई।

इस रिपोर्ट से स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री मोदी के नजर संसद की कोई अधिक औचित्य नही है।

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