कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं गुजरात के चार बार मुख्यमंत्री रहे माधव सिंह सोलंकी का 94 साल की उम्र में आज निधन हो गया। माधव सिंह सोलंकी भारत के पूर्व विदेश मंत्री रह चुके हैं. वह चार बार गुजरात के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वह 1973-1975-1982-1985 के वर्षों में गुजरात के सीएम बने। गुजरात विधानसभा की 182 सीटों में से 149 जीतकर मुख्यमंत्री बनने का उनका रिकॉर्ड अब तक कोई नही तोड़ पाया है।
माधव सिंह सोलंकी के निधन पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शोक जाहिर करते हुए राहुल गांधी लिखा की ”माधवसिंह सोलंकी के निधन से दुखी हूं. कांग्रेस की विचारधारा को मजबूत करने और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने में उनके योगदान के लिए याद किया जाएगा. उनके परिवार और दोस्तों के प्रति गहरी संवेदना.”
गुजरात की राजनीति में सोलंकी का बड़ा कद था। वे जातिगत से लेकर राजनीतिक समीकरण तक साधने में निपुण माने जाते थे। यही नहीं माधव सिंह सोलंकी को खाम ( KHAM )थ्योरी का जनक भी माना जाता था।
KHAM का मतलब था क्षत्रिय, हरिजन, आदिवासी और मुस्लिम। यानी जातिगत समीकरणों को साधने में सोलंकी का को सानी नहीं था। 1980 के दशक में उन्होंने इन्हीं चार वर्गों को एक साथ जोड़ा और प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आए।
सोलंकी राजनीति के तो माहिर थे ही साथ ही कानूनी मामलों में भी उनकी पकड़ काफी मजबूत थी। दरअसल माधव सिंह सोलंकी पेशे से वकील थे।
वह पहली बार 1977 में अल्पकाल के लिए मुख्यमंत्री बने। 1980 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को राज्य में जोरदार बहुमत मिला। 1981 में सोलंकी ने सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए आरक्षण लागू किया। इसके विरोध में राज्य में हंगामा हुआ।
राज्य में हिंसा के बाद सोलंकी ने 1985 में इस्तीफा दे दिया। लेकिन अगले विधानसभा चुनाव में KHAM फार्मूले के दम पर बंपर वोटों से चुनाव जीतकर आए।