केंद्र सरकार के तीन कृषि कानून के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे आंदोलनों के बीच फिर एक बार किसान और सरकार के बीच वार्ता विफल रही है।
किसानों का यह आंदोलन पिछले एक महीने से ज्यादा समय से जारी है। इस आंदोलन को समाप्त करने के लिए किसानों और सरकार के बीच कई दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं, लेकिन उनका कोई ठोस परिणाम अब तक नहीं निकल सका है।
आज फिर एक बार किसानों और सरकार के बीच वार्ता हुई लेकिन फिर एक बार ठोस परिणाम निकलने के बजाय तारीख ही मिली। इसी को लेकर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर तंज कसा है।
राहुल गांधी ने एक ट्वीट में केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए शायराना अंदाज में लिखा, ‘नीयत साफ नहीं है जिनकी, तारीख पे तारीख देना स्ट्रैटेजी है उनकी!’
दरसल नए कृषि कानूनों को लेकर किसान समेत विपक्षी दल भी केंद्र सरकार पर सवाल उठाते आए हैं। विपक्षी दलों का आरोप है कि नए कृषि कानूनों की आड़ में सरकार कृषि क्षेत्र को भी कॉरपोरेट के हवाले करना चाहती है और इन कानूनों के आने से छोटे किसानों के लिए संकट उत्पन्न हो जाएगा।
गौरतलब है कि कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन शुक्रवार को 44वें दिन में प्रवेश कर गया। लेकिन अब तक इसे लेकर शुरू हुआ गतिरोध खत्म होता नहीं दिख रहा है। किसानों को मनाने के लिए आज हुई आठवें दौर की वार्ता भी एक बार फिर बेनतीजा रही। अब अगली बैठक 15 जनवरी को आयोजित होगी। किसान यूनियनें कृषि कानूनों को रद्द करने से कम पर राजी नहीं हैं, जबकि सरकार बार-बार इसमें संशोधन करने की बात कह रही है।