केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों के रद्द करने को लेकर किसानों के आंदोलन के 45वें दिन कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक वीडियो जारी करते हुए किसानों के समर्थन में एक अभियान की शुरुआत की।
राहुल गांधी ने तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग एक फिर दोहराते हुए मोदी सरकार पर हमला किया। राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए एक वीडियो के जरिए मोदी हमला करते हुए कहा- शांतिपूर्ण आंदोलन लोकतंत्र का एक अभिन्न हिस्सा होता है, हमारे किसान बहन-भाई जो आंदोलन कर रहे हैं, उसे देश भर से समर्थन मिल रहा है, आप भी उनके समर्थन में अपनी आवाज जोड़कर इस संघर्ष को बुलंद कीजिए ताकि कृषि-विरोधी कानून खत्म हों।
इससे पहले भी राहुल गांधी ने कहा था कि केंद्र सरकार की उदासीनता एवं अहंकार के कारण किसान आंदोलन के दौरान 60 से अधिक किसानों की जान जा चुकी है। उन्होंने ट्वीट किया, मोदी सरकार की उदासीनता और अहंकार ने 60 से अधिक किसानों की जान ले ली। किसानों के आंसू पोंछने के बजाय यह सरकार उन पर आंसू गैस के गोले छोड़ रही है। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, इस तरह की क्रूरता सांगगांठ वाले पूंजीपतियों के हितों को बढ़ावा देने के लिए है। राहुल गांधी ने कहा था कि तीनों कानूनों को निरस्त किया जाना चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने भी प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए सरकार से मांग किया था कि किसानो की मांग को सुना जार एवं तीनों कृषि कानूनों को रद्द किया जाए।
दरसल अपनी मांगों को लेकर हजारों किसान दिल्ली के निकट पिछले करीब डेढ़ महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान संगठनों की मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी दी जाए। सरकार का कहना है कि ये कानून कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के कदम हैं और इनसे खेती से बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी तथा किसान अपनी उपज देश में कहीं भी बेच सकेंगे। किसान संगठनों और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत के बावजूद अब तक गतिरोध पूरी तरह खत्म नहीं हो पाया है।