कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड सांसद राहुल गांधी के दोबारा अध्यक्ष बनने को लेकर पार्टी में अटकलें लगाई जा रही है। कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने तो खुलकर राहुल को अध्यक्ष बनाए जाने की वकालत तक कर दी है तो वहीं कुछ लोग चुनाव के जरिए राहुल को अध्यक्ष बनने की बात कर रहे हैं। इसी बीच कांग्रेस की सहयोगी और महाराष्ट्र की सत्ताधारी दल शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिये राहुल गांधी को योद्धा बताया है।
शिवसेना ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ खड़ा होने के लिए राहुल गांधी को योद्धा बताते हुए कहा कि ‘दिल्ली के शासक’ कांग्रेस नेता से डरते हैं। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में कहा गया कि यह अच्छी बात है कि राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बनने जा रहे हैं।
संपादकीय में कहा गया, ”दिल्ली के शासकों को राहुल गांधी से डर लगता है। अगर ऐसा नहीं होता तो अनावश्यक गांधी परिवार को बदनाम करने की सरकारी मुहिम नहीं चलायी गयी होती।” इसमें कहा गया, ”योद्धा चाहे अकेले रहे, उससे तानाशाह को डर लगता है और अकेला योद्धा प्रमाणिक होगा तो यह डर सौ गुना बढ़ जाता है। राहुल गांधी का डर सौ गुना वाला है।”
संपादकीय में कहा गया, ”यह सबको स्वीकार करना चाहिए कि भाजपा के पास नरेंद्र मोदी का विकल्प नहीं है और कांग्रेस के पास राहुल गांधी का विकल्प नहीं है।” ‘सामना’ में कहा गया, ”राहुल गांधी कमजोर नेता हैं’ का प्रचार किया गया लेकिन अब भी वह खड़े हैं और लगातार सरकार पर हमले कर रहे हैं। विपक्षी दल फिनिक्स पक्षी की तरह राख से भी उठ खड़ा होगा।”
शिवसेना द्वारा राहुल गांधी की तारीफ के पहले संजय राउत ने कांग्रेस नेतृत्व वाले संप्रग का विस्तार किए जाने का आह्वान किया था। शिवसेना के सांसद राउत ने कहा था कि विपक्ष को केंद्र के तानाशाही रवैये के खिलाफ एकजुट होना चाहिए और मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के समक्ष एक मजबूत विकल्प मुहैया कराना चाहिए।
शिवसेना ने एनडीए के सहयोगी रहते हुए भी कई बार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की तारीफ की थी जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच मतभेद उभरने लगे थे।