यूपी और बिहार के नदियों में शव बहाए जाने को लेकर बीजेपी सरकार विपक्षी पार्टियों के निशाने पर है। यूपी और बिहार के विपक्षी दलों ने केंद्र और राज्य सरकार को निशाने पर लिया है।
यूपी में कांग्रेस ने योगी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने इसको लेकर न्यायिक जांच की भी मांग की है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने गुरुवार को वर्चुअल माध्यम से की गई प्रेसवार्ता में कहा कि कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों के शव नदियों में बहाया जाना प्रदेश सरकार की नाकामी हैं, ऐसे में महामारी को रोकने में सरकार की विफलता का अंदाजा नदियों में बहते शवों को देखकर आसानी से लगाया जा सकता है।
उनका कहना था कि नदियों के तट तक बह कर आये कई शव पीपीई किट में लिपटे हैं जिन्हें आवारा जानवर नोंच रहे हैं।
लल्लू ने कहा कि कांग्रेस की मांग है कि बलिया और गाजीपुर समेत विभिन्न जिलों में नदियों में शव प्रवाहित किये जाने के मामले की उच्च न्यायालय के किसी सेवारत न्यायाधीश से जांच कराई जाए।
लल्लू ने आगे कहा कि सत्तारूढ़ बीजेपी के जनप्रतिनिधि, मंत्री और विधायक कोरोना महामारी को न रोक पाने और समुचित इलाज के अभाव के विषय में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर अपनी ही सरकार की नाकामियों को उजागर कर रहे हैं. मगर सरकार लगातार झूठ और फरेब की राजनीति कर रही है. कांग्रेस नेता के अनुसार उसने आम जनता को भगवान के भरोसे छोड़ दिया है और इवेंट मैनेजमेंट के माध्यम से अखबारों में हेडलाइन बनाने में जुटी हुई है।
गौरतलब है कि हाल में उत्तर प्रदेश के बलिया, गाजीपुर तथा कुछ अन्य जिलों में नदियों में शव बहते हुए पाए गए थे. ऐसा दावा किया जा रहा है कि वे शव कोविड-19 के मरीजों के हैं।