कांग्रेस की महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी अपने तीन दिवसीय यूपी दौरे के दौरान कोरोना काल के बाद पहली बार अपनी मां और कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र में पार्टी की जमीनी हकीकत परखने पहुंची।
प्रियंका दिन-रात मिलाकर करीब 14 घंटे तक वह संगठन की मजबूती और विधानसभा चुनाव को लेकर पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से सीधे रूबरू हुईं और गुफ्तगू की।
जोश और जज्बे के साथ रायबरेली और अमेठी में चुनावी किला फतह करने का मूलमंत्र दिया और साफ कहा कि आप लोग हिम्मत न हारें। 16 हफ्ते के 24 घंटे हमें दीजिए। लक्ष्य निर्धारित कर अपनी मंजिल की तरफ बढ़ें। उम्मीद और विश्वास है कि एक दिन कामयाबी जरूर मिलेगी।
इस दौरान प्रियंका ने रायबरेली और अमेठी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। उनसे मिलने वालों में जिला कांग्रेस कमेटी, विधानसभा क्षेत्र प्रभारी, नगर अध्यक्ष, न्याय पंचायत अध्यक्षों के अलावा अन्य पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल रहे।
उन्होंने मुलाकात के दौरान पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाते हुए संदेश दिया कि मेहनत और लगन से काम किया जाए तो कोई चीज मुश्किल नहीं। इसलिए अपना लक्ष्य निर्धारित कर लें कि हमें विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत के साथ उतरकर जीत हासिल करनी है।
प्रियंका से जोश और जज्बे के साथ चुनाव जीतने का मूलमंत्र मिलने के बाद पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में उत्साह है और सभी विधानसभा चुनाव पूरी दमखम के साथ लड़ने का दंभ भर रहे हैं।
रायबरेली और अमेठी कांग्रेस का गढ़ कहा जाता है। पारिवारिक विरासत बचाने के लिए प्रियंका ने पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से मुलाकात के दौरान चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के बारे में चर्चा की।
अंदरखाने के अनुसार पदाधिकारियों ने संभावित प्रत्याशी के नाम भी प्रियंका के सामने रखे। इस पर प्रियंका ने उन नामों पर विचार करने की बात कही। हालांकि प्रियंका ने भरोसा दिलाया कि इस बार के चुनाव में पार्टी में शामिल लोगों को ही चुनाव लड़ने का मौका दिया जाएगा।
प्रियंका ने सभी से संगठन को मजबूत बनाने की बात कही। साथ ही उन्होंने फिर जल्द ही रायबरेली आकर गांव-गांव जाकर लोगों से सीधे रूबरू होने की बात कही।