यूपी के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसक घटना के बाद कांग्रेस की महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश पुलिस ने आज सुबह-सुबह उस समय हिरासत में ले लिया जब वह लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए किसानों के परिवारों से मिलने जा रही थीं।
घटना के खबर मिलने के बाद लखनऊ पहुंची प्रियंका ने रात को ही घटनास्थल पर जाने और परिजनों से मिलने का फैसला लिया
प्रियंका के लखीमपुर खीरी जाने की सूचना पर सीतापुर जिला व पुलिस प्रशासन हाई अलर्ट मोड पर आ गया। प्रियंका गांधी के इटौंजा टोल पार किए जाने की सूचना मिलते ही डीएम विशाल भारद्वाज व एसपी आरपी सिंह हरकत में आ गए और दोनों ही अधिकारी भारी पुलिस व पीएसी बल के साथ खैराबाद टोल प्लाजा पर पहुंच गए. प्रियंका के काफिले को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन ने टोल प्लाजा के चप्पे-चप्पे पर पुलिस व पीएसी के जवानों को तैनात कर दिया। इतना ही नहीं प्रशासन ने टोल बैरियर पर सभी लाइनों पर ट्रकों को कतारबद्ध तरीके से खड़ा करके मार्ग को अवरुद्ध कर दिया. बावजूद इसके प्रियंका गांधी नहीं मिलीं. पांच घंटे की आंख मिचौली के बाद पुलिस ने प्रियंका गांधी को हरगांव से हिरासत में लिया. फ़िलहाल प्रियंका गांधी को पुलिस लाइन ले जाय गया है.
उधर प्रियंका गांधी को हिरासत में लेने से कोंग्रेसी भड़क उठे. उनकी पुलिस से नोंकझोंक भी हुई. एमएलसी दीपक सिंह पीएसी द्वितीय बटालियन के बाहर धरने पर बैठ गए. उधर हिरासत में लिए जाने की सूचना मिलते ही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू भी सीतापुर पहुंच गए. उन्होंने बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जब बीजेपी की सरकार आई है तब-तब किसानों पर जुल्म हुआ है.
इससे पहले प्रियंका गांधी के लखीमपुर खीरी जाने की सूचना मिली तो लखनऊ पुलिस ने उन्हें कॉल हाउस में नजरबन्द करते हुए पुलिस फोर्स की तैनाती कर दी गई. प्रियंका ने इसकी वजह भी पूछी और फिर पैदल ही निकल पड़ीं. इसके बाद वे बालू अड्डे से गाड़ी में बैठकर लखीमपुर के लिए रवाना हो गईं. इसकी सूचना मिलते ही सीतापुर जिला व पुलिस प्रशासन सतर्क हो गया. आखिर पांच घंटे के आंख मिचौली के बाद उन्हें हरगांव से हिरासत में ले लिया गया।
किसानों के मौत के बाद से लगातार कांग्रेस किसानों के समर्थन में सरकार के खिलाफ मोर्चा संभाले हैं।