मीडिया मौजूदा सत्ता के चरणो में नतमस्तक है, यह बात किसी से छुपी हुई नहीं है। चाहे वह न्यूज़ डिबेट हो या फिर मीडिया से जुड़े हुए पत्रकारों की सोशल मीडिया पोस्ट हो, आसानी से पता लगाया जा सकता है कि यह भाजपा समर्थक पत्रकार बीजेपी के समर्थकों को कितनी चतुराई से मूर्ख बनाकर कांग्रेस को बदनाम करते है।
अमीश देवगन ने अपने ट्विटर हैंडल से एक वीडियो पोस्ट किया हुआ है। जिसमें कांग्रेस नेता राशिद अल्वी एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे हैं और अपनी बात रख रहे हैं। अमीश देवगन में इस टि्वटर पोस्ट में लिखा है कि, सलमान खुर्शीद के हिन्दुत्व की तुलना ISIS और बोको हराम के बाद अब कांग्रेस के एक और नेता मियां राशिद अल्वी भी मैदान में उतर आए हैं। राशिद अल्वी ने तो दो कदम आगे बढ़ते हुए कह दिया कि जय श्रीराम बोलने वाले राक्षस हैं।
जबकि वीडियो में साफ सुनाई दे रहा है कि कांग्रेस नेता राशिद अल्वी कह रहे हैं कि संजीवनी लाते वक्त हनुमान को किस तरह राक्षसों ने गुमराह करने की कोशिश की थी और ऋषि मुनि का वेश धारण करके “जय श्री राम” का नारा लगाकर हनुमान को रोककर उनका समय बर्बाद करने की कोशिश की थी।
राशिद अल्वी एक मुसलमान है और वह रामायण की पूरी गाथा अपने कार्यक्रम में सुना रहे हैं। इसकी प्रशंसा करने की जगह बीजेपी समर्थक पत्रकार उसे हिंदू-मुस्लिम का एंगल देने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि राशिद अल्वी ने कहा है कि आज भी जो “जय श्री राम” का नारा लगा रहे हैं वह उन्हीं राक्षसों की तरह है जिन्होंने हनुमान को गुमराह करने की कोशिश की थी।
निश्चित तौर पर राशिद अल्वी को सुनकर यह समझा जा सकता है कि उनका इशारा उन लोगों की तरफ है जो “जय श्री राम” का नारा लगाकर किसी को भी मार दे रहे हैं। किसी की भी लिंचिंग कर दे रहे हैं। किसी दूसरे धर्म के व्यक्ति को परेशान कर रहे हैं और उसको जबरदस्ती “जय श्री राम” बोलने पर मजबूर कर रहे है। ऐसे लोगों की तुलना राशिद अल्वी ने राक्षस से की है। तो इसमें गलत क्या है?
कांग्रेस नेता राशिद अल्वी को सुनने के बाद कोई भी बुद्धिजीवी यह समझ जाएगा कि वह कहना क्या चाहते हैं। रामायण काल में एक समय सीमा के अंदर लक्ष्मण को संजीवनी ना मिल सके, हनुमान समय पर ना पहुंच सके इसके लिए राक्षसों ने ऋषि-मुनियों का वेश धारण करके “जय श्री राम” बोलकर हनुमान को गुमराह करने की कोशिश की थी और आज भी कुछ लोग “जय श्रीराम” के नारे की आड़ में अपनी राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं। ऐसे लोगों को राक्षस के कहने में गुरेज कैसा?
जो सच में राम भक्त है, जो सच में मर्यादा पुरुषोत्तम राम में आस्था रखता है वह कभी भी किसी को मारने पीटने के लिए, किसी को परेशान करने के लिए, किसी राजनीतिक लाभ के लिए राम के नाम का इस्तेमाल नहीं करेगा। क्या यह बात अमीश देवगन को नहीं पता या फिर जानबूझकर बीजेपी के ही समर्थकों को मूर्ख बना कर उन्हें खुशी मिल रही है?