देश तथा उत्तर प्रदेश का हर कांग्रेसी कार्यकर्ता तथा समर्थक इस बात का लंबे समय से इंतजार कर रहा था कि पार्टी अपने संगठन को मजबूत करने के लिए और हर प्रदेश में खुद को चुनावी मुकाबले में लाने के लिए कुछ प्रयास बड़े स्तर पर करें।
दरअसल उत्तर प्रदेश तथा बिहार जैसे राज्यों में कॉन्ग्रेस लंबे समय से हाशिए पर पड़ी हुई थी। एक तरह से क्षेत्रीय पार्टियों के इशारे पर चलने वाली पार्टी नजर आने लगी थी। उत्तर प्रदेश तथा बिहार जैसे राज्यों के कांग्रेस के कार्यकर्ता था तथा समर्थक लंबे समय से हताश और निराश थे। उत्तर प्रदेश तथा बिहार के पार्टी नेता भी उस तरह का प्रयास नहीं कर रहे थे जिससे कार्यकर्ताओं तथा समर्थकों में कोई उम्मीद नजर आए या फिर उनके अंदर चुनावी जंग जीतने की उम्मीद पैदा हो।
प्रियंका गांधी लंबे समय से उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक्टिव है। इसके साथ-साथ वह मोदी सरकार को भी घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ती है। लेकिन पहली प्राथमिकता उनकी उत्तर प्रदेश है और उत्तर प्रदेश की जनता की जरूरतों को समझते हुए उनके मुद्दों को उठाने में प्रियंका गांधी सबसे आगे नजर आती रही हैं।
अब एक बार फिर से प्रियंका ने वह ऐलान कर दिया है, जिसकी जरूरत भी थी और कार्यकर्ताओं तथा समर्थकों को इंतजार भी था। दरअसल 2022 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और रुक-रुक कर पिछले कई दिनों से यह कयास लगाए जा रहे थे कि शायद कांग्रेस पार्टी मुद्दे उठाने में भले आगे हो, लेकिन कहीं चुनाव से ठीक पहले अखिलेश यादव की पार्टी या फिर जयंत चौधरी की पार्टी से गठबंधन न कर ले।
अब प्रियंका गांधी ने यह ऐलान कर दिया है कि कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश में हर सीट पर अकेले चुनाव लड़ेगी और मजबूती से लड़ेगी और किसी को जिताने के लिए चुनाव नहीं लड़ेगी बल्कि खुद सरकार बनाने के लिए चुनाव लड़ेगी। दरअसल कांग्रेस का हर कार्यकर्ता तथा समर्थक यही चाह रहा था कि उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में क्षेत्रीय पार्टियों का साथ छोड़कर कांग्रेस मजबूती के साथ अकेले चुनाव लड़े। भले ही चुनाव में बड़े स्तर पर सफलता न मिले लेकिन संगठन निश्चित तौर पर मजबूत होगा और इसका लाभ 2024 के लोकसभा चुनाव में होगा।
दरअसल जिन राज्यों में लंबे समय से क्षेत्रीय पार्टियों की सरकारें रही है वह राज्य बहुत ही अधिक पिछड़े हुए हैं। लेकिन बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस उन्हें पिछले दरवाजे से मदद देती है या फिर उनके साथ गठबंधन करती है और जब वह चुनाव जीत जाते हैं तो कांग्रेस को ही आंख दिखाने लगते हैं और कांग्रेस को ही अंदर ही अंदर खत्म करने की साजिश रचते हैं। जिसका खामियाजा आज कांग्रेस कई राज्यों में भुगत रही है।
प्रियंका गांधी का उत्तर प्रदेश में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला निश्चित तौर पर उत्तर प्रदेश के साथ पूरे देश के कांग्रेस कार्यकर्ताओं के अंदर एक ऊर्जा पैदा करेगा। जिसका लाभ आने वाले सालों में कांग्रेस को मिलेगा और पार्टी खुद के दम पर हर राज्य में खड़ी हुई दिखाई देगी।