31 जनवरी से शुरू होने रहे बजट सत्र से पहले कांग्रेस के संसदीय रणनीति समूह ने बैठक की, जिसमें सत्र के दौरान पार्टी के रुख पर चर्चा और सरकार को घेरने के मुद्दों को लेकर रणनीति बनाई गई।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में हुई डिजिटल बैठक में यह निर्णय लिया गया।
इस समूह में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, वरिष्ठ नेता एके एंटनी, केसी वेणुगोपाल, आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, के. सुरेश, जयराम रमेश, मणिकम टैगोर, मनीष तिवारी और रवनीत सिंह बिट्टू शामिल हैं।
कांग्रेस ने बजट सत्र में कोरोना प्रभावित परिवारों के लिए राहत पैकेज, महंगाई, बेरोजगारी, किसानों से जुड़े मुद्दे, सीमा पर चीन के साथ गतिरोध और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने का फैसला किया है।
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस ने यह फैसला भी किया है कि आमजन से जुड़े मुद्दों पर समान विचारधारा वाले दलों के साथ समन्वय करते हुए सरकार को घेरा जाएगा। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, ”कोविड महामारी से प्रभावित परिवरों के लिए राहत पैकेज की मांग को कांग्रेस इस सत्र में पुरजोर तरीके से उठाएगी। कांग्रेस लंबे समय से यह मांग कर रही है कि कोरोना वायरस की वजह से जान गंवाने वाले हर व्यक्ति के परिवार को चार लाख रुपये का मुआजवा दिया जाए। हम इसी मांग पर जोर देंगे।”
उन्होंने कहा, ”सीमा पर चीन की बढ़ती आक्रमकता और उसके साथ चल रहे गतिरोध, महंगाई, बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था की स्थिति, एयर इंडिया तथा दूसरी सरकार कंपनियों के निजीकरण तथा किसानों से जुड़े मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगा जाएगा।” संसद के बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी को राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ आरंभ होगा। एक फरवरी को बजट पेश होगा।