राहुल गांधी 6 फरवरी को अपने पंजाब दौरे पर करेंगे CM चेहरे का ऐलान

पंजाब के आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अपने मुख्यमंत्री उम्मीदवार की घोषणा को लेकर सुर्खियों में बनी हुई है। माना जा रहा है कि कांग्रेस चुनाव से कुछ दिन पहले 6 फरवरी तक पंजाब के लिए अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा कर सकती है।

इससे यह सस्पेंस खत्म हो जाएगा कि मौजूदा मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी या प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू में से पार्टी किसके नेतृत्व में चुनावी मैदान में उतरेगी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी रविवार को अपने पंजाब दौरे के दौरान बड़ा ऐलान कर सकते हैं। 27 जनवरी को अपने हाल के पंजाब दौरे के दौरान गांधी ने पुष्टि करते हुए कहा था कि पार्टी सीएम चेहरे के साथ चुनाव लड़ेगी और पार्टी कार्यकर्ताओं से परामर्श करने के बाद जल्द ही कोई निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने यहां तक कहा था कि दोनों नेताओं ने उन्हें आश्वासन दिया था कि जो भी मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार होगा, दूसरा खेमा उसका समर्थन करेगा।

राहुल गांधी ने यह बयान तब दिया जब सिद्धू ने रैली में पार्टी से चुनाव के लिए सीएम चेहरा घोषित करने की मांग की और कहा कि वह “शोपीस” नहीं बनना चाहते हैं। इस बीच, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पहले ही पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ विचार-विमर्श शुरू कर दिया है। पार्टी अपने शक्ति ऐप के जरिए कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं से जवाब मांग रही है। पार्टी ने इस मुद्दे पर आम लोगों की राय भी मांगी है।

पिछले कई हफ्तों में, चन्नी और सिद्धू दोनों ने परोक्ष या प्रत्यक्ष रूप से खुद को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश करने की कोशिश की है। कांग्रेस अपना वजन चन्नी के पीछे लगाती दिख रही है, जो अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय से हैं और उन्हें चमकौर साहिब और भदौर की दो विधानसभा सीटों से मैदान में उतारा गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पार्टी के सर्वे में चन्नी सबसे आगे चल रहे हैं। बताते चलें कि इस सर्वे में कांग्रेस ने प्रत्याशियों, कार्यकर्ताओं, सांसदों और विधायकों से राय जानने की कोशिश की।

बता दें कि पंजाब कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर 2 ही नामों पर लगातार चर्चा चल रही थी। सूत्रों का कहना है कि नवजोत सिंह सिद्धू को इस मामले में वरीयता नहीं दी जाएगी। इसकी वजह यह भी है कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (एसटी) कांग्रेस का पारंपरिक वोट बैंक रहे हैं, लेकिन बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) और कुछ अन्य छोटे समूहों के उदय के बाद वे पार्टी से दूर हो गए। कांग्रेस अब चन्नी को चुनकर एससी वोट बैंक को मजबूत करने की कोशिश कर रही है, जिसमें पंजाब की लगभग एक तिहाई आबादी शामिल है।

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