हालिया चुनावी हार के बाद कांग्रेस नेताओं ने पार्टी नेतृत्व, जवाबदेही और आगे की राह पर सवाल उठाए, लेकिन अब सोनिया गांधी संसद के अंदर और बाहर सक्रिय हो गई हैं ताकि पार्टी में फूट से पहले आंतरिक दरार को रोका जा सके!
राजा वड़िंग के कांग्रेस प्रधान बनने के बाद सुरजीत धीमान द्वारा सवाल उठाए गए थे और इसी दौरान सुरजीत धीमान के बारे में एक अहम खबर सामने आई है कि कांग्रेस पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया है।
यह कार्यवाही पंजाब कांग्रेस के इंचार्ज हरीश चौधरी द्वारा की गई है। धीमान के खिलाफ यह फैसला पार्टी विरोधी गतिविधयों के चलते लिया गया है। आपको बता दें कि हाईकमान द्वारा पंजाब कांग्रेस का नया प्रधान राजा वड़िंग को बनाया दिया गया है परंतु इस बात को लेकर सुरजीत धीमान सहमत दिखाई नहीं दिए और उन्होंने कांग्रेस के नए प्रधान को लेकर सवाल खड़े किए थे।
उन्होंने राजा वड़िंग को महाक्रप्ट व मौकाप्रस्त कहा था। सुरजीत धीमान का कहना है पैसों के लेन-देन के मामले में वह बादल परिवार के आगे झुक गए थे। उन्होंने कहा कि राजा वड़िंग को प्रधान बनाने से अच्छा किसी अनाड़ी को प्रधान बना देते।
वहीं अब पार्टी ने अनुशासनहीनता को लेकर भी सख्त रूप अपनाने का फैसला किया गया है, जिसके संकेत पंजाब कांग्रेस के नए प्रधान व विधायक दल के नेता की नियुक्ति के 24 घंटे के भीतर देखने को मिले, जिसके तहत राजा वडिंग के खिलाफ बयानबाजी करने वाले पूर्व विधायक सुरजीत धीमान को नोटिस जारी करने की बजाय कुछ देर बाद पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। इसका असर यह देखने को मिला जो दिग्गज नेता पिछले काफी समय से हाईकमान के फैसलों व नेताओं पर सवाल खड़े कर रहे थे। उनको कांग्रेस के नए प्रधान व विधायक दल के नेता को बधाई देने की याद आ गई। इनमें मुख्य रूप से सुनील जाखड़, मनीष तिवारी व जसबीर डिंपा का नाम शामिल है। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी व पूर्व डिप्टी सी.एम. सुखजिंदर रंधावा द्वारा भी रविवार दोपहर को ही कांग्रेस के नए प्रधान व विधायक दल के नेता को बधाई दी गई। नवजोत सिद्धू ने शनिवार देर रात ही कांग्रेस के नए प्रधान राजा वडिंग, भारत भूषण आशु व विधायक दल के नेताओं प्रताप बाजवा, राज कुमार चब्बेवाल को सहयोग देने का ट्वीट कर दिया था।