राजस्थान में एक बार फिर कांग्रेस में सियासी उठापटक को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं. पायलट और गहलोत के दिल्ली दौरे को लेकर भी सियासत तेज हो गई है. इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इन सभी चर्चाओं पर पलटवार करते हुए कहा कि मैंने अपना इस्तीफा सोनिया गांधी को पहले से ही दे रखा है. जब भी कभी प्रदेश में मुख्यमंत्री बदलना होगा तब किसी को कानों कान खबर नहीं लगेगी.
हाल ही में सोनिया गांधी से सीएम अशोक गहलोत और उसके बाद सचिन पायलट ने मुलाकात की थी. इस मुलाकात के बीच सीएम बदलने की चर्चाओं पर गहलोत ने पलटवार करते हुए कहा मेरा इस्तीफा पर्मानेंट सोनिया गांधी के पास रखा हुआ है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शनिवार को राजस्व सेवा परिषद के राज्य स्तरीय सम्मेलन में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने परिषद के सदस्यों से राजस्थान की जनकल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने की अपील की. साथ ही गहलोत ने कई राजनीतिक बिंदुओं पर भी चर्चा की. इस दौरान उन्होंने पटवारी तहसीलदार से कहा कि राजनीतिक उठापटक चर्चाओं पर ज्यादा ध्यान नहीं दें. इस तरह की चर्चाओं से विकास कार्यों की गति में असर पड़ता है.
गहलोत ने कहा 1998 से इस्तीफा सोनिया गांधी के पासः दरअसल हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट की सोनिया गांधी से हुई मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में इस बात को लेकर चर्चा जोरों पर है कि प्रदेश में मुख्यमंत्री का चेहरा बदलने वाला है. कांग्रेस पंजाब की तर्ज पर राजस्थान में भी चुनाव से पहले सीएम के चेहरे में बदलाव करने की तैयारी में है. इस तरह की राजनीतिक चर्चाओं के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीधा पलटवार किया.
सीएम गहलोत ने कहा कि ‘मैं 1998 में पहली बार मुख्यमंत्री बना. दूसरी बार मुख्यमंत्री बना और इस बार तीसरी बार मुख्यमंत्री बना हूं. इन तीनों बार मुख्यमंत्री मुझे सोनिया गांधी ने बनाया है. जब से मुझे सोनिया गांधी ने मुख्यमंत्री बनाया तब से मैंने अपना इस्तीफा उनको दे रखा है और जब भी वह चाहेंगी मुख्यमंत्री बदल सकती हैं.’ गहलोत ने कहा कि जिस तरीके से इन दिनों में चर्चा हो रही है, उन पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है. जब मुख्यमंत्री का चेहरा बदलेगा तब किसी को कानों कान खबर भी नहीं होगी।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मैं तो राजनीति में भी मजबूत हूं. अगर राजनीति में मजबूत नहीं होता तो क्या तीन बार मुख्यमंत्री बनता? . गहलोत ने कहा कि राजस्थान में कई मुख्यमंत्री बने हैं मोहनलाल सुखाड़िया, जगन्नाथ पहाड़िया, भैरव सिंह शेखावत या फिर वसुंधरा राजे हों. गहलोत ने वसुंधरा राजे पर चुटकी लेते हुए कहा कि वसुंधरा राजे की पार्टी में भी चर्चाओं का विषय है. चर्चाएं सभी जगह होती हैं, लेकिन मैं यह कहना चाहूंगा कि हमेशा राजस्थान क्षेत्र में आगे रहा है, फ्रीडम फाइटर में हो या फिर अन्य क्षेत्र.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ऐसे समय पर अपने मन की बात बोली है, जब प्रदेश में सीएम चेहरे के बदलाव को लेकर एक बार फिर चर्चाएं जोरों पर है. गहलोत ने न केवल संदेश दिया बल्कि कार्यक्रम में यह भी स्पष्ट रूप से कहा कि जो राजनीतिक संदेश देना था वह संदेश उन्होंने दे दिया है.
सीएम गहलोत ने एक तो स्थिति की बात कर करके स्पष्ट कर दिया कि जो भी फैसला होगा . वह सोनिया गांधी करेंगी. वो सोनिया गांधी के फैसले को स्वीकार करेंगे. इसके साथ ही सीएम गहलोत ने अपनी राजनीतिक मजबूती का बयान देकर भी अपने विरोधियों को अहसास करा दिया कि वह अभी भी कमजोर नहीं हैं।