खरगोन दंगे को लेकर शिवराज सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में झूठ बोला?

Shivraj Goverment

देशव्यापी सुर्खियों वाले दिल्ली की जहांगीरपुरी से लेकर मध्यप्रदेश के खरगोन दंगों का सबसे ज्यादा जिक्र हुआ है।प्रख्यात वकील और कांग्रेस के नेता कपिल सिब्बल ने कोर्ट में हुई बहस के दौरान बुलडोज़र पर रोक का आग्रह किया था। उन्होंने कोर्ट में कहा, ‘एमपी के गृहमंत्री और मप्र सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने हाल ही में कहा, अगर मुसलमान शांत नहीं रहेंगे तो उनसे रियायत नहीं होगी।

सिब्बल ने कहा था, कोर्ट को (सरकारों को) संदेश देना चाहिए कि देश में कानून का शासन है।’उधर, सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने मध्य प्रदेश की सरकार का पक्ष भी कोर्ट में रखा। मेहता ने मध्य प्रदेश सरकार के हलफ़नामे को पेश करते हुए बताया है, खरगोन में हिन्दुओं की 88 संपत्ति तोड़ी गईं, जबकि मुस्लिमों की 22 संपत्तियां ही गिराई गई हैं। सभी अतिक्रमण थे। जिन्हें हटाने के लिए 2021 में नोटिस दे दिए गए थे।

मध्य प्रदेश सरकार के इसी हलफ़नामे और सॉलीसिटर जनरल मेहता के कोर्ट में रखे गये खरगोन से जुड़े पक्ष को लेकर राज्य में सियासी बवाल तेज हो गया है।खरगोन के स्थानीय विधायक रवि जोशी का आरोप है, राज्य की सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में सॉलीसिटर जनरल मेहता से सफेद झूठ बुलवा दिया है। खरगोन दंगों में अनेक निर्दोष मुसलमानों पर एकतरफा कार्रवाई हुई है।

दंगों के पहले हटाये गये अतिक्रमणों की सूची सर्वोच्च न्यायालय में पेश कर सरकार ने बचने का प्रयास किया है।रवि जोशी कहते हैं, ‘गलत हलफ़नामा तात्कालिक तौर पर भले ही सरकार को राहत दे, लेकिन वह आगे फंसेगी। सच्चाई सामने आने पर मध्य प्रदेश की सरकार की फजीहत होगी।

रवि मिश्रा खरगोन दंगों के आरोपियों पर हुई कार्रवाई को पूरी तरह से जायज बतला रहे हैं। असल में बुलडोज़र की कथित एकतरफा कार्रवाई को रोकने के लिए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में भी एक याचिका लगाई गई थी। हाईकोर्ट ने गुरूवार को इस याचिका को खारिज कर दिया था।

हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद मिश्रा ने कहा, सरकार के एक्शन पर अब तो कोर्ट ने भी मोहर लगा दी है। हम किसी तरह का अन्याय किसी पर नहीं कर रहे हैं।

उनसे जब पूछा गया कि केवल और केवल मुसलिमों के घर,दुकान और संस्थान,प्रतिष्ठानों को चुन-चुनकर तोड़ने के आरोप खरगोन दंगों के बाद सरकार पर लगे हैं मिश्रा ने सवाल खड़ा करते हुए कहा, सरकार निष्पक्ष कार्रवाई कर रही है। यदि कोई उसे धर्म और जात-पात से जोड़कर देख रहा है तो इसमें हम क्या कर सकते हैं!

खरगोन में 10 अप्रैल को सांप्रदायिक उन्माद के बाद जिला प्रशासन ने 16 मकानों और 29 दुकानों को अतिक्रमण के नाम पर धराशायी किया गया है।

आरोप है कि अतिक्रमण बताकर हटाए गए इन दुकान/मकान और अन्य प्रतिष्ठानों के ज्यादातर मालिकों को कोई पूर्व नोटिस प्रशासन ने नहीं दिया। अचानक पहुंचे और बुलडोज़र चला दिया।

विधायक रवि जोशी ने छोटी मोहन टॉकीज के पास से दिव्यांग वसीम की गुमटी हटाने को लेकर भी आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है, ‘गलत कार्रवाई के बाद हुई बदमानी से बचने के लिए प्रशासन ने वसीम को बरगलाने का प्रयास किया। गलत ढंग से उसका बयान रिकार्ड कर वायरल किया। बाद में वसीम ने सच पुनः जनता और मीडिया के सामने रख दिया।

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