कांग्रेस की गुजरात इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल पार्टी नेतृत्व पर लगातार सवाल उठा रहे हैं।
गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने कहा कि राहुल गांधी-प्रियंका गांधी से उनकी कोई नाराजगी नहीं है पार्टी नेतृत्व पर हार्दिक पटेल ने ग्रामीण स्तर के लोगों को मौका नहीं देने का आरोप लगाया है.
हार्दिक पटेल ने इस बारे में मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह ना तो राहुल गांधी से नाराज हैं और ना ही प्रियंका गांधी से। कांग्रेस नेता ने कहा कि गुजरात के पार्टी नेतृत्व से परेशान हूं।
गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा, मैं राहुल गांधी या प्रियंका गांधी से नाराज नहीं हूं। मैं प्रदेश नेतृत्व से नाराज हूं। मैं परेशान क्यों हूँ? चुनाव आ रहे हैं और ऐसे समय में ईमानदार और मजबूत लोगों के साथ मिलकर काम करना चाहिए। उन्हें पद दिया जाना चाहिए। यही नहीं हार्दिक पटेल ने यहां तक कहा है कि पार्टी नेतृत्व ग्रामीण स्तर पर काम करनेवालों को मौका नहीं दे रही है जबकि चुनाव का समय है।
हार्दिक ने कहा, पार्टी को मजबूत करने के लिए ग्रामीण स्तर पर काम करने वाले लोगों को मौका दिया जाना चाहिए. चुनाव का समय है, गांवों में जाओ, शहरों में मेहनत करो जहां तक परेशान होने की बात है तो परिवार में सवाल उठते हैं और बातचीत होती है। मैंने पहले भी स्पष्ट किया था कि अफवाहें न फैलाएं।
इस बीच खबर है कि नाराजगी इतनी बढ़ गई है कि हार्दिक पटेल ने अपने व्हाट्सएप की डीपी तक बदल दी है। वहीं बायो से कांग्रेस को हटा दिया है।वहीं कांग्रेस की जगह भगवा गमछा वाला फोटो लगा दिया है। गौरतलब बात है कि हार्दिक पटेल ने पिछले हफ्ते ही खुद को रामभक्त कहा था। कांग्रेस नेता ने कहा था कि अपने पिता के मृत्यु संस्कार पर चार हजार भगवत गीता बांटे थे।
कांग्रेस की गुजरात इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल द्वारा पार्टी नेतृत्व के प्रति अप्रसन्नता जताए जाने के कुछ ही दिन बाद आम आदमी पार्टी की राज्य इकाई ने उन्हें पार्टी में शामिल होने का न्योता दिया।
पिछले हफ्ते हार्दिक पटले ने कांग्रेस नेतृत्व पर परेशान करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि पार्टी का प्रदेश नेतृत्व उन्हें परेशान कर रहा है और राज्य के कांग्रेस नेता चाहते हैं कि ‘मैं पार्टी छोड़ दूं। यह भी कहा कि उनकी ओर से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को अपनी इस स्थिति के बारे में कई बार अवगत कराया गया, लेकिन दुख की बात है कि कोई निर्णय नहीं हुआ।