कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं पाटीदार नेता नरेश पटेल, आज सोनिया गांधी से करेंगे मुलाकात।

Naresh Patel

गुजरात के पाटीदार नेता नरेश पटेल के कांग्रेस में शामिल होने की संभावना है। उनके शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करने की उम्मीद है।

नरेश पटेल को लेकर पिछले कुछ दिनों से गुजरात में जबदस्त राजनीति हो रही है. इस राजनीति में हर राजनीतिक पार्टी की निगाह नरेश पटेल पर टिकी हुई है. माना जा रहा है कि नरेश पटेल जिस पार्टी में जाएंगे पाटीदार समाज का समर्थन उस पार्टी को रहेगा।

प्राप्त जानकारी अनुसार मुताबिक नरेश पटेल की कांग्रेस में शामिल होने की संभावना है.नरेश पटेल लेउवा पटेल समाज के खोडलधाम के अध्यक्ष हैं.

नरेश पटेल श्री खोदलधाम ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं। लेउवा पटेल समुदाय द्वारा प्रतिष्ठित मां खोदियार के मंदिर का प्रबंधन करता है। लेउवा पटेल मुख्य रूप से गुजरात में रहने वाले पाटीदार समुदाय की उप-जाति है।

नरेश पटेल भले ही सक्रिय राजनीति में न रहे हों लेकिन पिछले एक दशक में उनके नाम की खासी चर्चा रही है. खोडलधाम पर भव्य मंदिर के निर्माण को लेकर अग्रणी रहे नरेश पटेल का पाटीदार समाज में जबरदस्त वर्चस्व है. नरेश पटेल जिस पाटीदार समुदाय के नेता हैं. वह गुजरात की राजनीति में हमेशा से निर्णायक भूमिका में रहा है.

लेउवा पटेल, सौराष्ट्र और कच्छ के इलाके में ज्यादा, राजकोट, जामनगर, अमरेली, भावनगर, जूनागढ़, पोरबंदर, सुरेंद्रनगर जिलों में बड़ी संख्या में पाटीदार समाज के लोग रहते हैं। पटेल समुदाय का वोट अत्यधिक प्रभावशाली माना जाता है और कई सीटों का भाग्य इस बात पर निर्भर करता है कि यह समुदाय कैसे वोट करता है।

गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने हाल ही में कांग्रेस पार्टी की आलोचना की थी और कहा था कि पार्टी द्वारा पाटीदार नेताओं और नरेश पटेल का अपमान किया जा रहा है। हार्दिक ने कहा था कि पाटीदार ने 2017 के चुनावों में कांग्रेस को अच्छी संख्या में जीतने में मदद की। अब कांग्रेस उन्हीं पाटीदारों और खोदलधाम ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेश पटेल का अपमान कर रही है।

उन्होंने कहा था कि पिछले दो वर्षों में, हमने नरेश पटेल के राजनीति में शामिल होने के बारे में बहुत कुछ सुना है। पार्टी निर्णय लेने में इतना समय क्यों ले रही है? कांग्रेस नरेश पटेल और पाटीदारों का अपमान क्यों कर रही है? क्या यह निर्णय लेना इतना कठिन है? उनके बयान के बाद राज्य के पार्टी नेताओं ने उनसे इस मामले पर चर्चा करने के लिए मुलाकात की थी।

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