10 जनपथ पर हुई महत्वपूर्ण बैठक में G-23 कैंप के किसी भी नेता को नहीं बुलाया गया था!

sonia gandhi.

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सरकारी आवास 10 जनपथ पर हुई कल बैठक में कांग्रेस की टॉप लीडरशिप के बीच चार दिनों में तीसरी बार अहम बैठक हुई महत्वपूर्ण बैठक में G-23 कैंप के किसी भी नेता को नहीं बुलाया गया था।

कांग्रेस ने आगामी चुनावों में जीत अपने कायाकल्प के लिए युद्ध स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सरकारी आवास 10 जनपथ पर हुई बैठक में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी मौजूद रहे।

इस बैठक में लोकसभा चुनाव 2024 के लिए तैयार की गई रणनीति पर मंथन किया गया. साथ ही 2024 से पहले होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति पर भी चर्चा की गई।

बताया जा रहा है कि इस अहम बैठक में सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, केसी वेणुगोपाल, पी चिदंबरम, मुकुल वासनिक, रणदीप सुरजेवाला मौजूद थे. इनके अलावा बैठक में अंबिका सोनी, ए के एंटनी, दिग्विजय सिंह जयराम रमेश जैसे कई बड़े नेता भी शामिल थे. कमलनाथ बैठक में पहली बार शामिल हुए. हालांकि, चार घंटे तक चली इस मीटिंग में राहुल गांधी मौजूद नहीं थे. वहीं, इस बैठक में G-23 कैंप के किसी भी नेता को नहीं बुलाया गया था.

करीब चार घण्टे चली है बैठक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई। प्रशांत किशोर के मिशन 2024 के प्रेजेटेंशन को लेकर कांग्रेस कितना संजीदा है कि इसकी कमान खुद पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने संभाल रखी है। वहीं विदेश दौरे पर होने के कारण लगातार दूसरे दिन राहुल गांधी इस बैठक में शामिल नहीं हो पाए.

माना जा रहा है मंगलवार को हुई इस तीसरी बैठक का मकसद प्रशांत किशोर के प्रेजेंटेशन पर पार्टी नेताओं की राय जानी थी। उम्मीद लगाई जा रही है कि आने वाले समय में और भी ऐसी बैठकें हो सकती हैं। खासबात ये है कि प्रशांत किशोर को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष की ओर से बनाई गई कमेटी में शामिल मुकुल वासनिक, दिग्विजय सिंह, रणदीप सिंह सुरजेवाला, के सी वेणुगोपाल बैठक में प्रशांत किशोर प्रेजेंटेशन को लेकर पार्टी नेताओं की ओर से मंगलवार को अपनी राय दी।

सूत्रों के अनुसार प्रशांत किशोर के चुनाव प्रस्ताव और उनको पार्टी में शामिल करने को लेकर पार्टी जल्दी आधिकारिक ऐलान करेगी। हालांकि उनके कांग्रेस में शामिल होने को लेकर अब तक तस्वीर साफ नहीं हो पाई है. पार्टी के कुछ नेता अन्य राजनीतिक दलों से उनके करीबी संबंध होने के चलते इसका विरोध कर रहे हैं।

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