सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपने एक बेहद अहम आदेश में राजद्रोह कानून के तहत केस दर्ज करने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा है कि राजद्रोह कानून पर पुनर्विचार तक इसका इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले की मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और उसके नेताओं ने सराहना की है। कांग्रेस के बड़े नेता और सांसद राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र की मोदी सरकार की ओर इशारा करते हुए कह कि सच बोलना तो देशभक्ति ना कि देशद्रोह।
राहुल गांधी ने राजद्रोह कानून पर सुप्रीम कोर्ट की रोक से जुड़ी खबर को ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा- सच बोलना देशभक्ति है, देशद्रोह नहीं। सच कहना देश प्रेम है, देशद्रोह नहीं। सच सुनना राजधर्म है, सच कुचलना राजहठ है। डरो मत!
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कहा है कि ये ऐतिहासिक निर्णय है। सुप्रीम कोर्ट का संदेश साफ है। सत्ता के सिंहासन पर बैठे आवाज कुचलने वाले निरंकुश शासक जान लें कि स्वयंभू राजा और बेलगाम सरकारों की जन विरोधी नीतियों की आलोचना का गला नहीं घोंट सकते। सत्ता को आईना दिखाना राष्ट्रधर्म है, देशद्रोह नहीं।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए राजद्रोह कानून यानी आईपीसी की धारा 124ए को बरकरार रखने को चुनौती देते हुए इसको खत्म करने की मांग की गई है। उस पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार इस कानून पर पुनर्विचार और जब तक इस पर पुनर्विचार नहीं हो जाता है तब तक राजद्रोह कानून के तहत राज्य और केंद्र सरकार इस धारा के तहत कोई नया केस दर्ज नहीं करे। सीजेआई ने कहा कि यह सही होगा कि रिव्यू होने तक कानून के इस प्रावधान का इस्तेमाल ना करें। हमें उम्मीद है कि केंद्र और राज्य 124ए के तहत कोई भी प्राथमिकी दर्ज करने से परहेज करेंगे या रिव्यू खत्म होने के बाद कार्यवाही शुरू करेंगे।