राजस्थान के उदयपुर में तीन दिन के चिंतन शिविर के बाद सोनिया गांधी, राहुल और प्रियंका गांधी बेणेश्वर धाम जाएंगे। 13 से 15 मई तक होने वाले इस चिंतन के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
यहां कांग्रेस को नया अध्यक्ष भी मिल सकता है। वहीं, मेवाड़ से राजस्थान और गुजरात की आदिवासी सीटों पर भी फोकस रहेगा।
16 मई को बेणेश्वर धाम में 100 करोड़ की पुलिया के निर्माण के प्रोजेक्ट का शिलान्यास इन्हीं के हाथों होगा। डूंगरपुर का बेणेश्वर आदिवासियों का तीर्थ माना जाता है। यहां 100 करोड़ की लागत से नदी पर पुलिया का निर्माण कराया जाएगा। यहां सोम, माही और जाखम नदी का संगम होता है। इससे पहले सोनिया गांधी दिसंबर में जयपुर में हुई महंगाई हटाओ रैली में शामिल हुई थीं।
इस साल के अंत में गुजरात और फिर अगले साल राजस्थान में विधानसभा चुनाव हैं। गुजरात में 27 और राजस्थान में 25 आदिवासी सीटें हैं। ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा था कि किसी न किसी आदिवासी इलाके का दौरा कांग्रेस के दिग्गज कर सकते हैं। इसी के चलते इन सीटों को साधने के लिहाज से बेणेश्वर में एक सभा होगी। राहुल और प्रियंका सहित सोनिया भी सभा को संबोधित कर सकती हैं। ऐसा 9 साल बाद होगा, जब राजस्थान में सोनिया गांधी किसी राजनीतिक सभा को संबोधित करेंगी।
राजस्थान में पार्टी की सरकार होने के चलते इस बड़े आयोजन की जिम्मेदारी एक बार फिर गहलोत को दी गई है। पहली बार उदयपुर में हो रही इस सियासी बैठक कांग्रेस के लिहाज से महत्वपूर्ण मानी जा रही है। एक दिन पहले कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल कह भी चुके हैं कि यह चिंतन शिविर भविष्य में कांग्रेस की दिशा तय करेगा।
कांग्रेस के चिंतन शिविर के लिए 450 कमरे बुक किए गए हैं। सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी के लिए बुकिंग ताज अरावली में की गई है। वहीं, बाकी नेता रिसोर्ट और होटल में रुकेंगे। बुधवार को व्यवस्थओं का जायजा लेने के बाद गुरुवार को सीएम जयपुर के लिए रवाना हो गए थे।
राजस्थान में एक बार फिर से सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी एक साथ होंगे। कांग्रेस ने इस शिविर को नव संकल्प शिविर का नाम दिया है। इसमें कांग्रेस में नई चेतना जगाने और नए सिरे से कांग्रेस को खड़ा करने पर मंथन होगा। नए कांग्रेस अध्यक्ष का ऐलान भी इस शिविर में होगा। वहीं, कांग्रेस की वर्किंग को लेकर भी अहम निर्णय लिए जाएंगे। संगठन में भी कई अहम बदलाव इस शिविर में हो सकते हैं।