सेना में भर्ती के लिए केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना का विरोध हो रहा है. देश के कई राज्यों में जहां इस योजना के ख़िलाफ़ प्रदर्शन हो रहे हैं, वहीं अब कांग्रेस के नेताओं ने भी इस योजना को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने इस योजना को सेना और युवाओं दोनों के साथ खिलवाड़ बताया है. सचिन पायलट ने केंद्र सरकार से इस योजना को वापस लेने की मांग की है.
पायलट ने कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता में कहा कि सरकार को पहले खाली पदों को भरना चाहिए था। 1 लाख 20 हजार अधिकारियों के पद अकेले थल सेना में खाली है। उन्होंने कहा कि सरकार बिना किसी तैयारी के योजनाएं ला रही है। पहले किसान कानून लाई तो किसान सडक़ पर आ गए। वहीं अब युवाओं के लिए सरकार Agneepath योजना लाई, लेकिन वह भी नाराज होकर सडक़ पर आ गए। पायलट ने कहा कि सरकार को अहंकार, जिद में सेना पर ऐसी योजना नहीं थोपनी चाहिए। सेना के साथ ऐसा खिलवाड़ नहीं हो, स्कीम से फायदा कम,नुकसान ज्यादा है।
ऐसे ही सेना अधिकारियों, सेना में भर्ती के इच्छुक युवाओं को विश्वास में लिए बिना यह सेना में ठेके की भर्ती लाए हैं। इसके खिलाफ भी देश भर में युवा आंदोलन शुरू हो गया। यह अल्प समय में हड़बड़ी में बनाई योजना है। पायलट ने कहा कि सेना की ट्रेनिंग अलग तरीके की होती है। इसको इस तरह से लागू नहीं किया जा सकता।
उन्होंने सवाल किया कि चार साल बाद जब तीन चौथाई लोग सेना बाहर जाएंगे और वह अन्य जगह नौकरी के लिए आवेदन कर सकेंगे। इससे वह नियमित भर्ती में फिर नए युवाओं की रास्ता रोकने का काम करेंगे। पायलट ने कहा कि देश में निवेश नहीं हो रहा, उद्योग नहीं लग रहे हैं। 2 करोड़ युवाओं को हर साल नौकरी देने का वादा फेल हो रहा है, इसलिए शार्ट कर्ट तरीका अपनाया जा रहा है। यह शुभ संकेत नहीं है। यह काल्पनिक योजना है। मेरा मानना है कि यह शगुफा ठंडे छींटे डालने के लिए हैं।